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एक अप्रैल से बदल जाएगा इनकम टैक्स भरने का तरीका

एक अप्रैल से बदल जाएगा इनकम टैक्स भरने का तरीका एक अप्रैल से बदल जाएगा इनकम टैक्स भरने का तरीका

नई दिल्ली: अगर आप हरसाल आईटीआर फाइल करते हैं तो आपको कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना बहुत ही आवश्यक है। आपको एक अप्रैल से इनकम टैक्स भरने के तरीकों में कई बदलाव देखने को मिल सकते हैं क्योंकि एक अप्रैल से इनकम टैक्स के इन 9 बड़े नियमों में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। इनकम टैक्स स्लैब में आयकर छूट की सीमा में भी बदलाव हो सकते हैं। नई आयकर व्यवस्था डिफॉल्ट के रूप में कार्य करेगी। कुछ टैक्स पेयर्स अभी भी ओल्ड टैक्स रिजीम का विकल्प करने में भी सक्षम होंगे।

इन बातों का रखें विशेष ध्यान

  • सरकार बजट 2020-21 में एक वैकल्पिक आयकर व्यवस्था लाई थी, जिसके तहत व्यक्तियों और हिंदू अविभाजित परिवारों (एचयूएफ) पर कम दरों पर टैक्स लगाया जाना था, यदि वे विशेष छूट और कटौती का लाभ नहीं उठाते थे, जैसे कि मकान किराया भत्ता (एचआरए), होम लोन पर ब्याज, धारा 80C, 80D और 80CCD के तहत किए गए निवेश. इसके तहत 2.5 लाख रुपये तक की कुल आय टैक्स फ्री थी।
  • अब कर छूट की सीमा को 5 लाख रुपए से बढ़ाकर 7 लाख रुपए कर दिया गया है। इसका मतलब यह है कि जिस व्यक्ति की आय 7 लाख रुपए से कम है, उसे छूट का दावा करने के लिए कुछ भी निवेश करने की आवश्यकता नहीं है और पूरी इनकम टैक्स फ्री रहेगा। चाहे कितना भी निवेश किया गया हो।
  • ओल्ड टैक्स रिजीम के तहत कर्मचारियों को प्रदान की जाने वाली 50000 रुपए की मानक कटौती (स्टैंडर्ड डिडक्शन) में कोई बदलाव नहीं हुआ है। पेंशनरों के लिए, वित्त मंत्री ने स्टैंडर्ड डिडक्शन के लाभ को नई कर व्यवस्था में विस्तारित करने की घोषणा की है। 15.5 लाख रुपए या उससे अधिक आय वाले प्रत्येक वेतनभोगी व्यक्ति को 52,500 रुपए का लाभ होगा।
  • गैर सरकारी कर्मचारियों के लिए छुट्टी नकदीकरण एक निश्चित सीमा तक छूट प्राप्त है. यह सीमा 2002 से 3 लाख रुपए थी और अब इसे बढ़ाकर 25 लाख रुपए कर दिया गया है।
  • 1 अप्रैल से डेट म्यूचुअल फंड में निवेश पर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स के तौर पर टैक्स लगेगा. इस कदम से निवेशकों को लॉग टर्म टैक्स छूट से वंचित होना पड़ेगा, जिसने इस तरह के निवेश को लोकप्रिय बना दिया था।
  • 1 अप्रैल के बाद मार्केट लिंक्ड डिबेंचर (एमएलडी) में निवेश शॉर्ट टर्म कैपिटल एसेट होगी। इससे पहले के निवेश की ग्रैंडफादरिंग खत्म हो जाएगी और म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री पर इसका थोड़ा नकारात्मक असर होगा।
  • 5 लाख रुपए के वार्षिक प्रीमियम से अधिक जीवन बीमा प्रीमियम से आय नए वित्तीय वर्ष से यानी 1 अप्रैल 2023 से टैक्स के दायरे में होगी. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2023 पेश करते हुए यह भी घोषणा की कि यूलिप (यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान) पर नया आयकर नियम लागू नहीं होगा।
  • सीनियर सिटीजंस बचत योजना के लिए अधिकतम जमा सीमा 15 लाख से बढ़ाकर 30 लाख रुपए कर दी जाएगी। मासिक आय योजना के लिए अधिकतम जमा सीमा एकल खातों के लिए 4.5 लाख रुपए से बढ़ाकर 9 लाख रुपए और संयुक्त खातों के लिए 7.5 लाख रुपए से बढ़ाकर 15 लाख रुपए कर दी जाएगी।
  • बजट 2023 पेश करते हुए सीतारमण ने कहा थी कि अगर फिजिकल गोल्ड को इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड रसीद (ईजीआर) में बदला जाता है और इसके विपरीत कोई कैपिटल छूट टैक्स योग्य नहीं होगी. यह नियम 1 अप्रैल 2023 से प्रभावी होगा।

नई हैं टैक्स दरें

  • 0-3 लाख – शून्य
  • 3-6 लाख – 5%
  • 6-9 लाख- 10%
  • 9-12 लाख – 15%
  • 12-15 लाख – 20%
  • 15 लाख से ऊपर- 30%

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