Advertisements
Ad 6
Advertisements
Ad 8
Advertisements
Ad 7

बी.बी.एन एरिया में भाजपा की लीड में आई भारी कमी

बी.बी.एन एरिया में भाजपा की लीड में आई भारी कमी बी.बी.एन एरिया में भाजपा की लीड में आई भारी कमी
के.एल ठाकुर व परमजीत पम्मी पिछली लीड़ भी नही रख पाए कायम

बददी/ सचिन बैंसल : लोकसभा चुनावों में जहां इस बार देश में भारी उल्टफेर हुआ है वहीं उसकी जद में प्रदेश की औद्योगिक पटटी बददी बरोटीवाला नालागढ़ भी आई है। दून और नालागढ़ विधानसभा क्षेत्र में केंद्र सरकार द्वारा पांच साल में कोई बडी सौगातें न देने पर जनता का गुस्सा वोट के रुप में निकला था। कभी यह दोनो विस क्षेत्र भाजपा के गढ़ माने जाते थे और यहां से 60 हजार की लीड बीजेपी को मिलती थी। अगर गत 2019 के लोकसभा चुनावों की बात करें तो दून विधानसभा से भाजपा के लोकसभा प्रत्याशी को 20866 वोट मिले थे। उस समय वोट भी 64 हजार के करीब थी। अब आस थी मोदी लहर में यह बढ़त और ज्यादा बढेगी क्योंकि वोट भी बढक़र 74000 हो गई थी लेकिन हुआ इसके उल्टा और लीड 8 हजार कम हो गई।

इसी प्रकार जब प्रदेश में भाजपा सरकार थी तो 2019 में नालागढ़ की जनता ने बीजेपी सांसद को 40 हजार की भारी लीड देकर एक रिकार्ड कायम किया था प्रदेश में और उसका श्रेय तत्कालीन पूर्व विधायक केएल ठाकुर ने लिया था। दून के पूर्व विधायक परमजीत सिंह व नालागढ़ के पूर्व विधायक के एल ठाकुर इस बार प्रचंड मोदी लहर में भी अपना जलवा बरकरार नहीं रख सके और दोनो का ग्राफ गिरा है। इस बार नालागढ़ की जनता भी वर्तमान सांसद व प्रत्याशी सुरेश कश्यप की कार्यप्रणाली से रुष्ट नजर आई और उसने खुलकर कांग्रेस प्रत्याशी विनोद सुल्तानपुरी का साथ दिया। यहां पर जनता की भाजपा सांसद व प्रत्याशी के प्रति नाराजगी इस कदर भारी पड़ी कि यहां पर पार्टी की लीड 40 हजार से कम होकर मात्र 15 हजार रह गई। औद्योगिक पटटी बीबीएन से 2019 में 60 हजार की लीड लेकर यहां पर विकास को लेकर खास तव्वजो नहीं दी न ही कार्यकर्ताओं व आम लोगों से संवाद रखा। इसी बात की जनता को अंदर ही अंदर नाराजगी थी।

बीबीएन को सांसद ने नहीं दी कोई सौगात
जहां तक भाजपा प्रत्याशी सुरेश कश्यप की बात है जो कि वर्तमान पांच साल से सांसद भी औद्योगिक पटटी  बीबीएन (दून एवं नालागढ़) के लिए कुछ खास नहीं कर पाए। सिर्फ सांसद के तौर पर वो पार्टी के कार्यक्रमों में शिरकत करते रहे। स्थानीय नेतागण भी उनको हरा हरा दिखाते रहे कि कश्यप जी चिंता न करो इस बार दून में 25 तो नालागढ़ में 45 हजार की लीड दिलाएंगे। वास्तविकता व मुददों से दूर कश्यप ने स्वयं को पार्टी के महासम्मेलनों तक सीमीत रखा जिसके कारण उनकी लीड में भारी गिरावट हुई। 

रामकुमार व हरदीप की मेहनत से उठा कांग्रेस का ग्राफ
जब प्रदेश में कांग्रेस सरकार का गठन हुआ तो दून विधानसभा से कांग्रेस विधायक रामकुमार चौधरी की ताजपोशी सीपीएस के रुप में हुई थी। उसी दिन से उनके उपर दबाब था कि किसी भी प्रकार दून से बीजेपी की भारी लीड को रोकना था। रामकुमार ने इस चुनाव में अनथक प्रयास किए और लोगों से संवाद भी साधा और इसी के फलीभूत उन्होने दून से भाजपा की भारी लीड का ने केवल रोका बल्कि उसमें 8000 मतों की कमी भी की। इसी प्रकार नालागढ़ में कांग्रेस के सर्वेसर्वा हरदीप सिंह थे लेकिन सुक्खू सरकार में उनको कोअई तव्वजो नहीं मिली और न ही उनको कोई झंडी बत्ती दी गई। फिर भी बावा ने अपने कोर वोटर के साथ लेकर काम किया और बीजेपी की लीड को 40 हजार से समेटकर 15 हजार तक पहुंचा दिया।

Disclaimer: All news on Encounter India are computer generated and provided by third party sources, so read carefully and Encounter India will not be responsible for any issue.


Encounter India 24 Years Celebration
Add a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page