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Haryana News: हिंसा मामले में 19 आरोपियों को लेकर कोर्ट का आया फैसला, देखें वीडियो

पंचकूलाः डेरा सच्चा सौदा के मुखी गुरमीत राम रहीम को साध्वी यौन शोषण मामले में कोर्ट ने 25 अगस्त 2017 को दोषी ठहराया गया था। इसके बाद उनके समर्थकों ने पंचकूला समेत हरियाणा के विभिन्न जिलों और पंजाब में अनेक स्थानों पर हिंसा का ऐसा तांडव किया था। इस घटना में 40 लोगों की जान चली गई। अब इसी मामले में पंचकूला की मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अजय कुमार की अदालत ने 19 आरोपी बरी कर दिया। जिसमें सुखचैन सिंह, जगतार सिंह, राजविंदर सिंह, यदविंदर सिंह, कुलविंदर सिंह, बूटा सिंह, जगरूप सिंह, निर्मल सिंह, गगनदीप सिंह, बलजिंदर सिंह, यदविंदर सिंह (दूसरे), राजिंदर कुमार, हरवीर सिंह, बिर्बल सिंह, विशाल कुमार, सुरेंद्र कुमार धीमान, केहर सिंह, चमकौर सिंह और नरेश कुमार शामिल है।

कोर्ट ने कहा कि अभियोजन पक्ष आरोप साबित करने में नाकाम रहा। किसी भी गवाह ने आरोपियों की पहचान नहीं की। मुकदमे के दौरान अभियोजन पक्ष ने 27 गवाह पेश किए। इनमें से कोई भी गवाह आरोपियों की पहचान नहीं कर सका। शिकायतकर्ता डीएसपी अनिल कुमार ने भी कोर्ट में आरोपियों को पहचानने से इनकार किया। ड्यूटी मजिस्ट्रेट डॉ. सरिता मलिक और तत्कालीन डीआईजी संगीता कालिया ने भी आरोपियों की पहचान नहीं की। पुलिस ने आरोपियों के कबूलनामों और घटनास्थल की निशानदेही के आधार पर केस को मजबूत करने की कोशिश की, लेकिन कोर्ट ने कहा कि पुलिस ने कोई नया तथ्य उजागर नहीं किया। पहले ही 26 अगस्त 2017 को घटनास्थल का नक्शा तैयार किया जा चुका था। इसलिए बाद में की गई निशानदेही साक्ष्य के रूप में मान्य नहीं है। कोर्ट ने यह भी कहा कि धारा 188 और 353 के तहत मुकदमा दर्ज करने के लिए विशेष शिकायत जरूरी होती है, जो इस मामले में नहीं की गई।

इसलिए एफआईआर दर्ज करना कानूनन गलत था। पुलिस ने जिन डंडों और पत्थरों को बरामद किया, वे आमतौर पर बाजार में उपलब्ध होते हैं। बरामदगी के समय कोई स्वतंत्र गवाह भी मौजूद नहीं था। कोर्ट ने कहा कि जब आरोपियों की पहचान नहीं हो सकी और कोई प्रत्यक्ष या परिस्थितिजन्य साक्ष्य नहीं है, तो केवल बरामदगी के आधार पर दोष सिद्ध नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने कहा कि अभियोजन पक्ष आरोपियों के खिलाफ आरोप साबित करने में पूरी तरह विफल रहा। इसलिए सभी 19 आरोपियों को संदेह का लाभ देते हुए बरी किया जाता है। इस मामले में फैसला 16 अप्रैल 2025 को सुनाया गया।इससे मामले से जुड़े केस में 9 अप्रैल को हुई सुनवाई में 29 आरोपी बरी हुए थे।

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