ऊना/सुशील पंडित: जिला पुलिस कप्तान राकेश सिंह के आदेशानुसार आज पुलिस थाना हरोली की टीम ने इलाका में सुबह कई स्थानों पर नाकाबंदी करके स्कूली बसों की जांच करते हुए नौनिहालों की सुरक्षा को लेकर चालकों व वस मालिको को कई कानूनी जानकारियों से अवगत करवाया व स्कूली बच्चों को भी ट्रैफिक नियमों की जानकारी दी । स्कूल बसों के लिए हाई कोर्ट के आदेशों में कई महत्वपूर्ण निर्देश शामिल हैं, जिनमें सुरक्षा, संचालन और ड्राइवर संबंधी नियम शामिल हैं। कुछ प्रमुख निर्देश यह हैं।
ड्राइवरों के नियम:
स्कूल बसों का संचालन करने वाले ड्राइवरों के पास स्थायी ड्राइविंग लाइसेंस होना चाहिए और उन्हें भारी वाहन चलाने का कम से कम पांच साल का अनुभव होना चाहिए। साथ ही, ड्राइवरों को उन अपराधों के लिए काम पर नहीं रखा जाएगा जिनमें ओवरस्पीडिंग, शराब पीकर गाड़ी चलाना और खतरनाक तरीके से गाड़ी चलाना शामिल हैं।
स्पीड गवर्नर:
प्रत्येक स्कूल बस में स्पीड गवर्नर (गति नियंत्रक) लगा होना चाहिए ताकि बसें निर्धारित गति सीमा के भीतर ही चलें
सुरक्षा उपाय:
बस की खिड़कियों पर क्षैतिज ग्रिल लगी होनी चाहिए और बस में फर्स्ट एड बॉक्स और फायर सेफ्टी यंत्र भी होना चाहिए।
ड्राइवर और परिचालक:
स्कूल बस में एक पुरुष और एक महिला परिचालक/सहायक का होना भी अनिवार्य है।
सुरक्षा के लिए अन्य निर्देश:
स्कूल बसों में आपातकालीन निकास द्वार, अग्निशामक यंत्र, प्राथमिक चिकित्सा किट, सीट बेल्ट, अग्नि पहचान अलार्म प्रणाली आदि होने चाहिए।
इस तरह के कई निर्देशों से बस मालिकों व स्कूली ड्राइवरों को सूचित किया गया व नियमों में रहकर स्कूली बसों को चलाने की हिदायत की गई। पुलिस थाना प्रभारी सुनील सांखयान ने बताया कि समय समय पर उच्च अधिकारियों के निर्देशों पर स्कूली बसों की सुरक्षा व्यवस्था जांची जाती है ताकि नौनिहालों व स्कूली बच्चों को किसी प्रकार की दिक्कतों का सामना न करना पड़े। कानून की अवहेलना करने पर नियमानुसार बसों के चालान भी किये जा रहे है। शराब पीकर गाडी चलाने, ओवरस्पीड वाहन तथा फटे हुए साईलेंसरों का प्रयोग करने वालो पर पुलिस की पैनी नजर है।