नई दिल्लीः देश भर में इंडिगो की फ्लाइट रद्द होने और देरी से पहुंचने को लेकर यात्री काफी परेशान है। 5 दिसंबर को एक ही दिन में 1,000 से ज्यादा उड़ानें रद्द होने से देशभर के बड़े एयरपोर्टों पर हड़कंप मच गया। पिछले 4 दिनों में 1700 से ज्यादा विमान रद्द किए गए हैं। आने वाले 15 दिनों तक ये परेशानी बनी रह सकती है। कंपनी ने कहा है कि आज 6 दिसंबर को रद्द होने वाली फ्लाइट्स की संख्या 1,000 से कम रहने की उम्मीद है, लेकिन हालात अब भी पूरी तरह सामान्य नहीं हैं। अचानक स्टाफ की कमी और तकनीकी मैनेजमेंट से जुड़ी दिक्कतों के कारण दिल्ली, मुंबई, अहमदाबाद, जयपुर, इंदौर, कोच्चि और तिरुवनंतपुरम जैसे बड़े शहरों में सैकड़ों यात्री फंसे हुए हैं। लोग टिकट महंगे होने और अव्यवस्था को लेकर नाराजगी जता रहे हैं।
वहीं नागरिक उड्डयन मंत्रालय MoCA ने उड़ानों में चल रही भारी अव्यवस्था के बीच इंडिगो एयरलाइंस के खिलाफ सख्त रुख अपना लिया है। सरकार द्वारा इंडिगो को अल्टीमेटम जारी किया गया है। सरकार ने एक आधिकारिक आदेश जारी करते हुए साफ कर दिया है कि सभी रद्द या बाधित उड़ानों के लिए रिफंड प्रक्रिया को रविवार, 7 दिसंबर की रात 8:00 बजे तक हर हाल में पूरा करना होगा। मंत्रालय ने चेतावनी दी है कि अगर इस आदेश का पालन नहीं किया गया, तो एयरलाइन के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जाएगी। मंत्रालय ने यात्रियों को बड़ी राहत देते हुए एयरलाइंस को निर्देश दिया है कि जिन यात्रियों की यात्रा योजनाएं उड़ानों के रद्द होने से प्रभावित हुई हैं, उनसे कोई भी रिशेड्यूलिंग चार्ज नहीं वसूला जाएगा।
सरकार का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि संकट की इस घड़ी में यात्रियों पर कोई अतिरिक्त वित्तीय बोझ न पड़े।यात्रियों के खोए या पीछे छूट गए सामान को लेकर भी कड़े निर्देश जारी किए गए हैं। मंत्रालय ने इंडिगो को आदेश दिया है कि रद्दीकरण या देरी के कारण यात्रियों से अलग हुआ सारा सामान अगले 48 घंटों के भीतर उनके घर या बताए गए पते पर पहुंचाया जाए। एयरलाइंस को ट्रैकिंग और डिलीवरी के बारे में यात्रियों के साथ स्पष्ट संचार बनाए रखने को कहा गया है। शिकायतों के त्वरित निवारण के लिए इंडिगो को समर्पित यात्री सहायता और रिफंड सुविधा सेल स्थापित करने के निर्देश दिए गए हैं।
इन सेलों को जिम्मेदारी दी गई है कि वे खुद प्रभावित यात्रियों से संपर्क करें और बिना किसी फॉलो-अप के रिफंड और वैकल्पिक यात्रा व्यवस्था सुनिश्चित करें। जब तक परिचालन पूरी तरह स्थिर नहीं हो जाता, तब तक ऑटोमैटिक रिफंड सिस्टम सक्रिय रहेगा। मंत्रालय ने कुछ एयरलाइनों द्वारा वसूले जा रहे मनमाने हवाई किराये पर भी गंभीरता दिखाई है। यात्रियों को अवसरवादी मूल्य निर्धारण से बचाने के लिए मंत्रालय ने अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए प्रभावित मार्गों पर उचित किराया सुनिश्चित करने के आदेश दिए हैं। इसके साथ ही, वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांगों और छात्रों की सुविधा के लिए निगरानी तंत्र को मजबूत किया गया है।