नई दिल्लीः 53 करोड़ रुपए के घोटले के मामले में ईडी की टीम एक्शन मोड पर आ गई है। इसी के चलते आज ईडी ने इस घोटाले को लेकर 46 संस्थानों का बैंक FD पर ब्रेक लगा दी है। दरअसल, दिल्ली के कुछ प्रमुख शिक्षण संस्थाओं के साथ कुल 46 संस्थानों के करोड़ों रुपये के फिक्स्ड डिपोजिट (FD) रकम के साथ फर्जीवाड़ा करने वालों का मामला सामने आया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी यानी प्रवर्तन निदेशालय की ओर से बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया गया है। ईडी की टीम द्वारा आरोपियों के खिलाफ बड़ा सर्च ऑपरेशन चलाया गया है।
शुक्रवार 30 मई को मिली सूचना के मुताबिक यह मामला फिलहाल करीब 53 करोड़ के फर्जीवाड़ा का है, लेकिन आने वाले दिनों में घोटाले की रकम में इजाफा हो सकता है। तफ्तीश का दायरा जैसे-जैसे आगे बढ़ेगा, इस मामले में और कई बड़े खुलासे हो सकते हैं। दिल्ली यूनिवर्सिटी और खालसा कॉलेज जैसे संस्थाओं के फिक्स्ड डिपोजिट के साथ बड़ा खेल हुआ है। ED के मुताबिक, आरोपियों ने एक साजिश के तहत दिल्ली यूनिवर्सिटी और SGTB खालसा कॉलेज जैसे संस्थाओं का फिक्स्ड डिपोजिट की रकम को कुछ भ्रष्ट बैंक कर्मियों की मदद से ब्रेक करके करोड़ों रुपये को ऑनलाइन गेमिंग पोर्टल में निवेश कर दिया।
जांच एजेंसी के सूत्रों के मुताबिक इस मामले में पंजाब एंड सिंध बैंक में कार्यरत बेदांशू शेखर मिश्रा की बहुत बड़ी भूमिका रही है। बेदांशू को फिलहाल साजिश को अंजाम देने वाले प्रमुख आरोपी के तौर देखा जा रहा है। उसने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए 46 फिक्स्ड डिपोजिट (FDR) को धोखाधड़ी से तोड़ दिया। इसमें दिल्ली यूनिवर्सिटी और SGTB खालसा कॉलेज के भी खाते थे। ईडी हेडक्वार्टर की टीम की ओर से इस मामले में कार्रवाई को अंजाम दिया गया है।
बेंगलुरु में गेमिंग पोर्टल से संबंधित कई लोकेशन पर दबिश दी गई। तलाशी के दौरान करीब 38 लाख की नकदी, 49 खातों से जुड़े डेबिट कार्ड और अन्य डिजिटल डिवाइस जब्त किए गए हैं। इस मामले में सर्च ऑपरेशन की कार्रवाई आगे भी जारी है। लिहाजा फिलहाल कहा जा सकता है कि इस मामले में जब्त पैसों सहित अन्य डिजिटल डिवाइस की संख्या में और ज्यादा इजाफा हो सकता है।