नई दिल्ली: चुनाव आयोग द्वारा देश की राजधानी में नेशनल मीडिया सेंटर में प्रेस कॉन्फ्रेंस की जा रही है। चीफ इलेक्शन कमिश्नर ज्ञानेश कुमार ने इस पर जवाब देते हुए कहा कि – हमारे लिए न कोई पक्ष और न विपक्ष है सभी राजनीतिक दल बराबर हैं। सीईसी ने कहा है कि यदि सही समय पर हुई भूल हटाने का आवेदन न हो और फिर वोट चोरी जैसे गलत शब्दों का इस्तेमाल कर जनता को गुमराह किया जाए तो ये लोकतंत्र का अपमान है। कुछ मतदाताओं ने वोट चोरी के आरोप लगाए, सबूत मांगने पर जवाब नहीं दिया। ऐसे आरोपों से इलेक्शन कमीशन नहीं डरता है।
उन्होंने आगे कहा कि – ‘जब चुनाव आयोग के कंधे पर बंदूक रखकर मतदाताओं को निशाना बनाया जा रहा है तो हम साफ करते हैं कि चुनाव आयोग निडरता के साथ गरीब, अमीर, बुजुर्ग, महिला, युवा समेत सभी धर्मों-वर्गों के लोगों के साथ चट्टान के साथ खड़ा है, खड़ा था और खड़ा ही रहेगा’।
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि – ‘चुनाव आयोग के दरवाजे सभी के लिए समान रुप से हमेशा खुले हैं, जमीनी स्तर पर सभी मतदात, सभी राजनीतिक दल और सभी बूथ-स्तरीय अधिकारी पारदर्शी तरीके के साथ मिलकर काम कर रहे हैं सत्यापन कर रहे हैं हस्ताक्षर कर रहे हैं और वीडियो प्रशंसापत्र भी दे रहे हैं’।
ये है मामला
गौरतलब है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने 7 अगस्त को EC पर वोट चोरी के आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा था कि वोट चोरी हो रहे हैं हमारे पास सबूत हैं कि चुनाव आयोग चोरी में शामिल है वे बीजेपी के लिए ऐसा कर रहे हैं। EC ने बीजेपी के साथ चुनाव चोरी किया। राहुल गांधी ने वोटर लिस्ट में गड़बड़ी पर 1 घंटे 11 मिनट तक 22 पेज का प्रेजेंटेशन दिया। राहुल ने स्क्रीन पर कर्नाटक की वोटर लिस्ट दिखाते हुए कहा कि वोटर लिस्ट में संदिग्ध वोटर मौजूद हैं। महाराष्ट्र के नतीजे देखने के बाद हमारा शक पक्का हो गया है कि चुनाव में चोरी हुई है। मशील रीडेबल वोटर लिस्ट नहीं देने से हमें भरोसा हुआ है कि EC ने बीजेपी के साथ मिलकर महाराष्ट्र चुनाव चोरी किया है। हमने यहां वोट चोरी का एक मॉडल पेश किया है मुझे लगता है कि इसी मॉडल का इस्तेमाल देश की कई लोकसभा और विधानसभा सीटों पर हुआ है।