नई दिल्ली: भारत ने एक बार फिर से पाकिस्तान की कड़ी आलोचना की है। संयुक्त राष्ट्र परिषद में महिलाओं और सुरक्षा पर चर्चा के दौरान पाकिस्तान को उसकी महिलाओं के अधिकारों की स्थिति और इतिहास का गंभीर उल्लंघन करने के लिए आलोचना झेलनी पड़ी है। भारत के स्थायी प्रतिनिधि परवथनेनी हरीश ने पाकिस्तान को जम्मू-कश्मीर पर आरोपों को भ्रम फैलाने वाला बताया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इससे वह अंतरराष्ट्रीय ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहे हैं।
अपने ही लोगों पर बरसाए बम
भारतीय अधिकारी ने इस दौरान कहा कि हमारी महिलाओं की शांति और सुरक्षा की दिशा में रिकॉर्ड बिल्कुल साफ है। जो देश अपने ही लोगों पर बम बरसाता है उनके साथ दुर्व्हवहार करता है। सिर्फ ध्यान भटकाने के लिए अतिशयोक्ति और प्रचार का सहारा ले सकता है वो कितना नीचे गिर सकता है यह सबको पता है। भारत की यह टिप्पणी पाकिस्तान और खैबूर पख्तूनख्वा मे पिछले महीने किए गए हवाई हमले के दौरान 30 लोगों सहित बच्चों की मौत के संदर्भ में थी। भारतीय अधिकारी ने 1971 में हुए ऑपरेशन सर्चलाइट का भी इस दौरान जिक्र किया है। इस ऑपरेशन के दौरान पाकिस्तान की सेना ने पूर्वी पाकिस्तान में बंगालियों पर हिंसक कार्रवाई करवाई थी।
पाकिस्तान के द्वारा चलाए गए इस अभियान में लाखों महिलाओं को हिरासत में लिया गया था और बार-बार उनके ऊपर अत्याचार करके शिकार बनाया गया। इस ऑपरेशन को पाकिस्तान के कुख्यात सैन्य कमांडर जनरल टिक्का खान ने संचालित किया था। टिक्का खान को बूचर ऑफ बंगाल के नाम से भी जाना जाता है। ऑपरेशन सर्चलाइट के दौरान की गई हिंसा और जनसंहार 1971 के बांग्लादेश स्वतंत्रता युद्ध का भी हिस्सा बनी जिसके कारण पाकिस्तान को ढाका में हार स्वीकार करनी पड़ी थी और इसके बाद बांग्लादेश का गठन हुआ।
दुनिया के सामने साफ है पाकिस्तान के मंसूबे
भारतीय अधिकारी ने कहा कि यह वही देश है जिसने 1971 में ऑपरेशन सर्चलाइट किया था और अपनी ही सेना के द्वारा 4 लाख महिलाओं के खिलाफ सामूहिक बलात्कार की व्यवस्थित योजना को मंजूरी दे दी थी। अंतरराष्ट्रीय समुदाय पाकिस्तान के प्रचार को बहुत अच्छे से देख रहा है। भारत ने यह प्रतिक्रिया पाकिस्तान की प्रतिनिधि साइमा सलीम द्वारा कश्मीर की महिलाओं पर यौन हिंसा के आरोपों के तुरंत बाद दी है। भारत ने कहा कि पाकिस्तान के दावे बिना किसी प्रमाण के हैं और वास्तविकता दुनिया के सामने बिल्कुल साफ है।