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Donald Trump ने एक बार फिर किया दावा, भारत नहीं खरीदेगा रुस से तेल

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नई दिल्ली: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को एक बार फिर व्हाइट हाउस में दावा किया है। उन्होंने राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के साथ बैठक के दौरान कहा कि भारत अब रुस से तेल नहीं खरीदेगा। इससे पहले उन्होंने बुधवार को यह कहा था कि पीएम मोदी ने इस बारे में उन्हें आश्वासन दिया है कि उन्होंने पहले ही आयात कम कर दिया है। यह एक बड़ा कदम होगा। ट्रंप ने यह भी कहा है कि अब वे चीन पर भी ऐसा ही दबाव डालेंगे ताकि वह रुस से कच्चा तेल न खरीदें। ट्रंप के बयान से पहले गुरुवार को भारत के विदेश मंत्रालय ने तेल खरीद से जुड़ा हुआ यह दावा खारिज कर दिया था।

भारत ने खारिज किया था दावा

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने यह कहा था कि पीएम और राष्ट्रपति ट्रंप के बीच में किसी भी तरह की बात या टेलीफोन कॉल की जानकारी नहीं है। दोनों नेताओं के बीच हाल में किसी भी तरह बात नहीं हुई है ऐसे में तेल खरीद पर आश्वासन का सवाल ही नहीं उठता।

इस वजह से रुसी तेल की खरीद पर भड़के हैं ट्रंप

अमेरिका का यह भी मानना है कि भारत की ओर से तेल खरीद जारी रखने से मॉस्को को यूक्रेन युद्ध के वित्त पोषण में मदद मिलती है हालांकि भारत ने यह बार-बार कहा भी है कि वह अपनी ऊर्जा सुरक्षा और राष्ट्रीय हितों को ध्यान में रखकर फैसला लेता है। भारत अब भी रुस से रियायती दरों पर कच्चा तेल खरीदता है लेकिन इस आयात में पिछले महीनों में कुछ महीनों में कमी आई है।

हंगरी के साथ नरम व्यवहार कर रहा ट्रंप

पत्रकारों ने हंगरी के रुसी तेल आयात पर भी सवाल किया। उन्होंने कहा कि हंगरी एक तरह से फंसा हुआ है क्योंकि उनके पास समुद्र नहीं है और तेल लाने के लिए सिर्फ पाइपलाइन पर निर्भर हो चुका है। वे तनाव कम कर रहे हैं और अब लगभग रुक चुके हैं। उन्होंने हंगरी के पीएम विक्टर ऑर्बन को एक महान नेता भी बताया है। आने वाले हफ्तों में वह उनके साथ मुलाकात भी करने वाले हैं।

रुस से तेल खरीद रहा है भारत

डोनाल्ड ट्रंप की बयानबाजी के बाद भी भारत का कच्चा तेल आयात अब अक्टूबर के पहले पखवाड़े में मजबूत हुआ है। इससे जुलाई सितंबर के दौरान आवक में तीन महीने की गिरावट भी थम गई है। त्योहारी मांग को पूरा करने के लिए रिफाइनरियां भी पूरी तरह से काम पर लौट आई है। रुस से आयाज जून में 20 लाख बैरल प्रतिदिन से कम होकर सितंबर में 16 लाख बैरल प्रतिदिन रह गया था। अक्टूबर की शुरुआत में आंकड़े में सुधार का संकेत मिलता है।

 

 

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