नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक ने एक सहकारी बैंक पर बड़ा एक्शन ले लिया है। एक्शन लेते हुए आरबीआई ने इस बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया है। आरबीआई की ओर से जारी किए गए आदेश के अनुसार, प्रेस रिलीज के जरिए यह जानकारी दी गई है। इस बैंक का नाम है Karwar Urban Co-operative Bank, जिसको लेकर केंद्रीय बैंक ने कहा है कि इसका चालू रहना जमाकर्ताओं के लिए बड़ा खतरा रहेगा।
इसलिए रद्द किया बैंक का लाइसेंस
आरबीई के द्वारा किए गए प्रेस रिलीज के अनुसार, बैंक ने 22 जुलाई 2025 के आदेश में कहा है कि द कारवार अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड का लाइसेंस रद्द कर दिया है। इसके साथ ही सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार कर्नाटक से बैंक को बंद करने और बैंक के लिए एक लिक्विडेटर नियुक्त करने का अनुरोध किया है। लाइसेंस रद्द होने के साथ ही कारवार सहकारी बैंक को बैंकिंग बिजनेस से तत्काल प्रभाव से बैन भी कर दिया गया है। इसका बड़ा कारण है कि बैंक के पास पर्याप्त पूंजी नहीं है। वहीं इसके कारण आगे के लिए आय की संभावना नहीं होना भी बताया जा रहा है।
ग्राहकों के हित में गया फैसला
रिजर्व बैंक ने बैंकिंग रेग्युलेशन एक्ट 1949 की धारा 56 के साथ धारा 5(B) के अंतर्गत कारवार सरकारी बैंक पर तत्काल प्रभाव से ये प्रतिबंध लगाया गया है। इसके अलावा प्रेस रिलीज में यह कहा भी गया है कि ये बैंक धारा 11 (1) और धारा 22 (3) (D) के प्रावधानों का भी अनुपालन नहीं करता। ऐसे में यदि बैंक चालू रहेगा तो उसके जमाकर्ताओं को भी नुकसान होगा। केंद्रीय बैंक ने इस Co-operative Bank का लाइसेंस रद्द करते हुए यह साफ कह दिया है कि वो अपनी वर्तमान फाइनेंशियल स्थिति के चलते जमाकर्ताओं को पूर्ण तौर पर भुगतान करने में असमर्थ हैं। ऐसे में यदि बैंक अपना कारोबार जारी रखेगा तो ये जनता के लिए हितकार नहीं होगा।
इतने पैसे निकाल पाएंगे ग्राहक
यदि आपका इस बैंक में खाता है तो फिर आपके लिए ये जानना जरुरी है कि बैंक का लाइसेंस रद्द होने से आपकी जमा रकम का क्या होगा। आपको बता दें कि ऐसी स्थिति में ग्राहकों को राहत देने के लिए आरबीआई ने कई नियम बनाए हैं। ग्राहकों के अकाउंट के सुरक्षा के लिए डीआईजीसी नाम की संस्था का जिम्मा दिया गया है। नए नियमों के अनुसार, किसी भी डूबने वाले बैंक में अकाउंट रखने वाले ग्राहकों की 5 लाख रुपये तक की रकम इंशोयर्ड ही रहती है परंतु जिस तारीख को बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया जाए या फिर उसे बंद करने का ऐलान कर दिया जाए तो उस तारीख में ग्राहक के अकाउंट में जो जमा और ब्याज होता है उसमें से ज्यादातर 5 लाख की निकासी की जा सकती है। फिर चाहे उनकी रकम सेविंग अकाउंट में जमा हो, फिक्सड डिपॉजिट में या फिर करंट अकाउंट में डिपोजिट हो।
ग्राहक निकाल पाएंगे अपनी धनराशि
आरबीआई ने भले ही कर्नाटक बेस्ड कारवारी सहकारी बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया है परंतु इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि इसमें 92.9 फीसदी अकाउंट होल्डर्स ऐसे हैं जो डीआईसीजीसी की 5 लाख रुपये की लिमिट में आते हैं। ऐसे में इसका अर्थ है कि बैंक के ज्यादातर ग्राहक अपनी पूरी जमा राशि निकालने में सक्षम होंगे।

