ईटानगरः गुवाहाटी हाईकोर्ट ने चुनावी हलफनामे में अपनी संपत्तियों के बारे में जानकारी छिपाने के कारण अरुणाचल प्रदेश की भाजपा विधायक दसांगलू पुल के चुनाव को अवैध घोषित कर दिया। हाईकोर्ट की ईटानगर पीठ ने 25 अप्रैल को एक आदेश में जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत अंजाव जिले की हयुलियांग विधानसभा सीट से उनके चुनाव को शून्य घोषित कर दिया। कांग्रेस नेता ने भाजपा विधायक के खिलाफ केस किया था। अब भाजपा विधायक ने हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कही है। गुवाहाटी हाईकोर्ट की ईटानगर बेंच ने अनजाव जिले की हायुलियांस सीट से विधायक दासंगलु पुल के निर्वाचन को निरस्त कर दिया। कोर्ट ने जनप्रतिनिधि कानून के तहत यह आदेश दिया है।
बता दें कि दासंगलु पुल अरुणाचल प्रदेश के पूर्व सीएम कालिखो पुल की तीसरी पत्नी हैं। अपने पति की मौत के बाद साल 2016 में हुए उपचुनाव में दासंगलु पुल ने पहली बार जीत दर्ज की थी। इसके बाद 2019 के विधानसभा चुनाव में वह फिर से विधायक चुनी गईं। 2019 के चुनाव में दासंगलु पुल ने कांग्रेस उम्मीदवार लुपालाम करी को हराया था। बाद में करी ने ही दासंगलु पुल के निर्वाचन को कोर्ट में चुनौती दी। करी ने आरोप लगाया कि दासंगलु ने अपने चुनावी हलफनामे में अपनी संपत्ति से जुड़ी जानकारी छिपाई है।
करी ने दावा किया कि दासंगलु पुल के पति की चार संपत्तियां मुंबई और दो अरुणाचल प्रदेश में हैं, लेकिन अपने चुनावी हलफनामे में उन्होंने इनकी जानकारी नहीं दी है। इस पर सुनवाई करते हुए जस्टिस नानी तागिया ने जनप्रतिनिधि कानून की धारा 36(2)(a) के तहत भाजपा विधायक के निर्वाचन को रद्द कर दिया। दासंगलु पुल ने अपने बचाव में कहा कि उनके पति कालिखो पुल की पहली पत्नी उन संपत्ति की मालकिन है, ऐसे में वह अपने चुनावी हलफनामे में उन्हें अपनी कैसे बता सकती हैं? पुल ने कहा कि वह इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगी।
