चंडीगढ़: पुलिस की क्राइम ब्रांच ने नकली भारतीय मुद्रा छापने और सप्लाई करने वाले एक बड़े नेटवर्क को तहस-नहस कर दिया है। पुलिस ने उत्तर भारत के कई राज्यों में फैले इस गिरोह के 5 सदस्यों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से 7,17,400 रुपये की फर्जी नोट बरामद किए हैं। यह कार्रवाई सेक्टर-11 थाने में दर्ज मामले में की गई है। पुलिस जांच में सामने आया हैकि आरोपी इंस्टाग्राम और टेलीग्राम पर दोस्त बने। ये लोग 1 लाख रुपये के असली नोटों के बदले 4 लाख रुपये के जाली नोट देने का लालच देते थे। जिसके बाद नकली नोटों की सप्लाई कोरियर के जरिये या खुद जाकर आरोपी करते थे। इसके बाद नकली नोटों की सप्लाई का धंधा शुरू किया।
जिसके बाद आरोपियों ने दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर और चंडीगढ़ में नेटवर्क फैलाया। आखिरकार पुलिस ने इन पांचों आरोपियों को गिरफ्तार कर लियाा। पुलिस ने सबसे पहले सेक्टर-52 (कजहेड़ी) के एक पीजी में छापामारी की, जहां जम्मू-कश्मीर के निवासी अविनाश कुमार और दिल्ली के सत्यम को पकड़ लिया गया। इनके निशानदेही पर हरियाणा के महेंद्रगढ़ से संदीप और उत्तर प्रदेश (सहारनपुर) से अब्दुल्ला और शहज़ाद को भी गिरफ्तार किया गया। आरोपियों के कब्जे से 500, 200 और 100 के कुल 1777 नोट (कुल कीमत 7,17,400 रुपये), एक ब्रीज़ा कार, 3 प्रिंटर, लैपटॉप, मैकबुक, टैबलेट और फर्जी नोट छापने का खास कागज और स्याही बरामद की है।
आरोपियों की पहचान 25 वर्षीय अविनाश कुमार निवासी जम्मू-कश्मीर, 20 वर्षीय सत्यम विश्वकर्मा निवासी नई दिल्ली, 27 वर्षीय संदीप निवासी महेंद्रगढ़, हरियाणा (बी.कॉम पास), 22 वर्षीय अब्दुल्ला निवासी सहारनपुर, यूपी (बीबीए का छात्र) और 22 वर्षीय शहज़ाद निवासी सहारनपुर, यूपी के रूप में हुई है। पुलिस ने आरोपीअविनाश कुमार के कब्जे से 1.01 लाख की जाली करेंसी, सत्यम विश्वकर्मा के कब्जे से 4.76 लाख की जाली करेंसी, संदीप के कब्जे से 20,500 की जाली करेंसी व प्रिंटर, लैपटॉप, अब्दुल्ला के कब्जे से 10,400 की जाली करेंसी व प्रिंटर और शहजाद के कब्जे से 1.09 लाख की जाली करेंसी व इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बरामद किए है। पुलिस ने 5 आरोपियों को अदालत में पेश कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। पुलिस का कहना है कि मामले की जांच जारी है और गिरोह से जुड़े अन्य लोगों की तलाश की जा रही है।