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क्या बंद हो रहे 500 के नोट? RBI गर्वनर का आया बड़ा बयान

2000 रुपये के नोट वापसी को लेकर दी अहम जानकारी

नई दिल्ली: 2000 हजार के नोट को लेकर आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने वीरवार को अहम जानकारी साझा की है। RBI गवर्नर ने 500 और 1000 रुपये के नोट को लेकर बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने RBI की MPC मीटिंग में बंद हुए नोटों को चल रही अटकलों को लेकर बात साफ कर दी है। उन्होंने बताया कि 500 के नोटों को बंद नहीं किया जाएगा और न ही बंद हुए 1000 रुपये के नोट की छपाई दोबारा शुरू होगी। उन्होंने कहा कि आम जनता को घबराने की जरूरत नहीं है। फिलहाल रिजर्व बैंक का इन 500 की करंसी को बंद करने का कोई प्लान नहीं है।

बता दें, वीरवार को RBI की MPC बैठक के तीसरे दिन प्रेस कांफ्रेंस के दौरान रिजर्व बैंक के गवर्नर ने बात कही है। आम जनता के बीच अटकलें लगाई जा रही थीं कि 500 का नोट भी बंद हो जायेगा। जिसको आज RBI गवर्नर ने साफ कर दिया है। इस दौरान उन्होंने मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि फिलहाल RBI का 500 रुपये के नोटों को बंद करने का कोई प्लान नहीं है। बता दें, हाल ही में सरकार ने 2000 के गुलाबी नोटों को सर्कुलेशन से बाहर कर दिया है। जिसके बाद करीब 50% 2000 के नोट बैंकों में जमा किये जा चुके हैं।

वहीं 2000 के नोटों को लेकर आरबीआई गर्वनर ने कहा कि अब तक करीब 1.8 लाख करोड़ रुपये के 2,000 रुपये के नोट बैंकिंग सिस्टम में वापस आ चुके हैं। यह आंकड़ा 31 मार्च, 2023 तक चलन में रहे मूल्य के नोटों का लगभग आधा है। जो हमारी अपेक्षाओं के अनुरूप है।” उन्होंने 2000 रुपये के नोट बदलने या जमा करने को लेकर आम जनता को संबोधित करते हुए कहा, “मैं जनता से अनुरोध करना चाहता हूं कि वे अपनी सुविधानुसार 2,000 रुपये के नोट जमा करने या बदलने के लिए बैंक शाखाओं में जाएं। जल्दी करने का कोई कारण नहीं है। उसी समय, कृपया इसे अंतिम क्षण तक न छोड़ें।”

बता दें कि पिछले महीने केंद्रीय बैंक ने कहा था कि उसे उम्मीद है कि बंद किए गए 2,000 रुपये के अधिकांश नोट 30 सितंबर की समय सीमा तक वापस आ जाएंगे। आरबीआई ने पिछले महीने एक अधिसूचना के माध्यम से सभी बैंकों को तत्काल प्रभाव से 2,000 रुपये मूल्यवर्ग के बैंकनोट जारी करने से रोकने की सलाह दी थी। 

हालांकि, 2000 रुपये मूल्यवर्ग के बैंक नोट वैध मुद्रा बने रहेंगे। आरबीआई ने शुक्रवार को एक बयान में कहा, 2000 रुपये मूल्यवर्ग के बैंक नोट को नवंबर 2016 में आरबीआई अधिनियम, 1934 की धारा 24 (1) के तहत मुख्य रूप से नोटबंदी को वापस लेने के बाद अर्थव्यवस्था की मुद्रा की आवश्यकता को तेजी से पूरा करने के लिए पेश किया गया था। 2000 रुपये के बैंकनोटों को पेश करने का उद्देश्य एक बार अन्य मूल्यवर्ग के बैंकनोटों के पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हो जाने के बाद पूरा हो गया था। इसलिए, 2018-19 में 2000 रुपये के नोटों की छपाई बंद कर दी गई थी। भारतीय रिज़र्व बैंक की ‘स्वच्छ नोट नीति’ के अनुसरण में, 2000 रुपये मूल्यवर्ग के बैंक नोटों को संचलन से वापस लेने का निर्णय लिया गया है।

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