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कांगड़ा कोऑपरेटिव बैंक के पूर्व एमडी समेत 8 अधिकारियों पर मामला दर्ज

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होटल लोन फाइल से रिकॉर्ड किए गायब 

ऊना/सुशील पंडित: दी कांगड़ा सेंट्रल कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड (केसीसी) से जुड़े एक बहुचर्चित होटल लोन मामले में बड़ा कानूनी घटनाक्रम सामने आया है। जिला ऊना थाना सदर में बैंक के पूर्व मैनेजिंग डायरेक्टर विनोद कुमार सहित 8 अन्य अधिकारियों/कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। यह एफआईआर जिला मंडी के गांव भूरा, डाकघर राजगढ़ निवासी युद्ध चंद बैंस पुत्र पूरन चंद की शिकायत पर पंजीकृत की गई है।

एफआईआर के अनुसार शिकायतकर्ता एक प्रतिष्ठित होटल व्यवसायी है और वह एम/एस होटल लेक पैलेस , विल्ला नलसर मोहल, तहसील बल्ह, जिला मंडी तथा एम/एस हिमालयन स्नो विलेज , मनाली का मालिक है। शिकायतकर्ता ने वर्ष 2016 में कांगड़ा सेंट्रल कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड ऊना से होटल प्रोजेक्ट के लिए करीब 12 करोड़ रुपये का टर्म लोन स्वीकृत करवाया था। लोन के बदले दोनों होटल प्रॉपर्टियों को बैंक के पास गिरवी रखा गया था। लोन स्वीकृत होने के बावजूद समय पर पूरी राशि जारी नहीं की गई और अनियमित तथा देरी से किए गए वितरण के कारण होटल प्रोजेक्ट को भारी नुकसान उठाना पड़ा। शिकायतकर्ता के अनुसार प्रोजेक्ट की कुल अनुमानित कीमत लगभग 240 करोड़ रुपये थी, जबकि बैंक द्वारा की गई कथित कार्रवाइयों से प्रोजेक्ट प्रभावित हुआ।

आरोप है कि बैंक अधिकारियों ने गिरवी रखी गई प्रॉपर्टी की रिजर्व प्राइस तय करने से जुड़े वैल्यूएशन रिकॉर्ड में हेराफेरी की, जरूरी ऑफिस नोटिंग्स को हटाया गया और कुछ पेज जानबूझकर गायब कर दिए गए।  यह रिकॉर्ड बैंक की कस्टडी में थे और इनके गायब होने की जिम्मेदारी बैंक अधिकारियों पर बनती है।

शिकायतकर्ता ने एफआईआर में यह भी आरोप लगाया है की आरबीआई की गाइडलाइंस और कोविड-19 के दौरान लागू मोरेटोरियम के बावजूद वर्ष 2021 में लोन को गलत तरीके से एनपीए  घोषित कर दिया गया। इसके चलते मामला हाईकोर्ट हिमाचल प्रदेश और डेब्ट रिकवरी ट्रिब्यूनल , चंडीगढ़ तक पहुंच गया। शिकायतकर्ता ने आरटीआई के माध्यम से जानकारी मांगी, जिसमें खुलासा हुआ कि केसीसीबी की रिकवरी शाखा से उसकी लोन फाइल के कई महत्वपूर्ण पेज, विशेषकर रिजर्व प्राइस फिक्सेशन और वैल्यूएशन से संबंधित नोटिंग्स, गायब हैं। आरोप है कि यह कृत्य जानबूझकर किया गया ताकि प्रॉपर्टी का मूल्य कम दिखाकर रिकवरी प्रक्रिया को प्रभावित किया जा सके।

एफआईआर में जिन बैंक अधिकारियों/कर्मचारियों को आरोपित बनाया गया है, उनमें विनोद कुमार – तत्कालीन मैनेजिंग डायरेक्टर, केसीसीबी ,राकेश शर्मा – जनरल मैनेजर (तत्कालीन डीजीएम रिकवरी),कुलदीप भारद्वाज – डीजीएम रिकवरी,वीनू शर्मा – एजीएम,सतीश कुमारी – एजीएम,सुरजीत राणा – एजीएम,दिनेश शर्मा – ग्रेड-III, बाबू राम – ग्रेड-IV के नाम शामिल हैं।

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