जीरकपुरः पंजाब के जीरकपुर के भबात क्षेत्र की मन्नत एनक्लेव फेज-2 कॉलोनी में लावारिस कुत्तों ने हमला कर चार साल के मासूम बच्चे का गुप्तांग बुरी तरह नोच लिया। गंभीर हालत में बच्चे को जीरकपुर के निजी अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने बच्चे की गंभीर हालत को देख चंडीगढ़ सेक्टर-16 के सरकारी अस्पताल में रेफर किया लेकिन इलाज न मिल पाने के कारण बच्चे को पीजीआई रेफर कर दिया गया। पीजीआई में इलाज के बाद बच्चे को प्राथमिक उपचार के बाद घर भेज दिया है।
15 दिसंबर को बच्चे का ऑपरेशन किया जाएगा। यह घटना 5 दिसंबर की शाम की बताई जा रही है लेकिन जानकारी होने पर कॉलोनीवासियों में काफी रोष है, क्योंकि कॉलोनी में लावारिस कुत्तों का उत्पात है। लोगों का आरोप है कि उन्होंने अपने वार्ड पार्षद सहित जीरकपुर नगर परिषद के अधिकारियों को कॉलोनी में घूमने वाले लावारिस कुत्तों के बारे में जानकारी दी थी लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया। आलम यह है कि कुत्ते अब मासूम बच्चों को शिकार बना रहे हैं। पीड़ित बच्चे के परिवार ने नगर परिषद अधिकारियों को लिखित शिकायत भी दी है। बता दें कि इसी कॉलोनी में पिछले दो दिन में कुत्ते करीब 24 लोगों को काटकर घायल कर चुके हैं। लोगों ने नगर परिषद प्रशासन से मामले से अवगत करवाकर समस्या के निदान की मांग की है।
आकर्षण अवस्थी निवासी मकान नंबर 401 मन्नत एनक्लेव फेज-2 भबात जीरकपुर ने बताया कि पांच दिसंबर को करीब पौने पांच बजे चार साल का बेटा अंगम अवस्थी बाहर गली में खेल रहा था। तभी एक कॉलोनी में घूमने वाले लावारिस कुत्ते ने बच्चे पर हमला कर दिया। कुत्ते ने बच्चे को इतनी बुरी तरह से नोचा कि मासूम का गुप्तांग ही नोच डाला। उन्होंने कहा कि पड़ोसियों की मदद से उन्होंने अपने बच्चे को कुत्तों के चंगुल से बचाया और इलाज के लिए जीरकपुर के निजी अस्पताल ले गए, जहां उसकी गंभीर हालत देख चंडीगढ़ रेफर कर दिया। भले ही पीजीआई ने बच्चे को ट्रीटमेंट देकर घर भेज दिया है लेकिन बच्चा दर्द से तड़प रहा है। पीजीआई ने बच्चे को दखिल नहीं किया है। उन्हें घबराट हो रही है।
जीरकपुर के कार्यसाधक अधिकारी रवनीत सिंह ने बताया कि मन्नत एन्क्लेव कॉलोनी में हुई घटना की जानकारी शुक्रवार को देर शाम ही मिली। घटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। मैं बच्चे का दर्द महसूस कर सकता हूं। जीरकपुर नगर परिषद ने भबात क्षेत्र में एक कुत्ते का अस्पताल बनाया है। इसे चलाने के लिए नगर परिषद ने एनजीओ कावा (सीएडब्ल्यू) के साथ संपर्क साधा है, जिसे एक टेंडर अलॉट किया है। चूंकि जानवरों का मामला भारतीय पशु कल्याण बोर्ड से जुड़ा है, इसलिए उसी विभाग से अनुमति लेनी होगी। भारतीय पशु कल्याण बोर्ड की मंजूरी मिलने के बाद कावा के पदाधिकारियों ने अस्पताल का दौरा किया है। कावा सभी शहरों के कुत्तों को नियंत्रित कर उनकी नसबंदी और रेबीज के टीके लगवाएगा, ताकि क्षेत्र में कुत्तों की बढ़ती संख्या को रोका जा सके। उन्होंने कहा कि कावा ने अस्पताल में कुछ बड़े बदलाव करने का अनुरोध किया है, जिसका काम आने वाले सप्ताह में पूरा हो जाएगा और अस्पताल तुरंत शुरू कर दिया जाएगा।