कांग्रेस केवल सुर्खियां बटोरने के लिए कर रही विरोध
ऊना/सुशील पंडित: राष्ट्रीय वॉलीबाल फेडरेशन के अध्यक्ष एवं भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री वीरेंद्र कंवर ने रविवार को ऊना में आयोजित पत्रकार वार्ता में जी-राम-जी (G-RAM-G) योजना को लेकर केंद्र सरकार द्वारा किए गए सुधारों का स्वागत करते हुए इसे विकसित भारत की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल बताया।
कंवर ने कहा कि वर्ष 2005 में शुरू हुई मनरेगा योजना को समय-समय पर अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाया गया। वर्ष 2009 में इसका नाम महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (MGNREGA) रखा गया और अब हाल ही में इसे विकसित भारत जी-राम-जी योजना का स्वरूप दिया गया है, जिसके अंतर्गत कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं।
उन्होंने बताया कि योजना के तहत अब कार्य दिवसों की संख्या 100 से बढ़ाकर 125 दिन कर दी गई है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। राज्यों को यह भी छूट दी गई है कि वे फसलों की बुवाई एवं कटाई के दौरान 60 दिनों तक अतिरिक्त रोजगार उपलब्ध करा सकेंगे।
कंवर ने कहा कि योजना को अब 60:40 के अनुपात में लागू किया जाएगा, जिसमें 60 प्रतिशत केंद्र और 40 प्रतिशत राज्य सरकार का योगदान होगा, जबकि पहाड़ी राज्यों के लिए यह अनुपात 90:10 निर्धारित किया गया है। योजना में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए जियो-स्पेशियल तकनीक और मोबाइल ट्रैकिंग सिस्टम लागू किया गया है।
उन्होंने बताया कि योजना के अंतर्गत जल प्रबंधन, ग्रामीण इन्फ्रास्ट्रक्चर तथा जलवायु परिवर्तन के अनुकूल स्थायी परिसंपत्तियों के निर्माण पर विशेष जोर दिया जाएगा। साथ ही रोजगार भत्ता यथावत रखा गया है। वीरेंद्र कंवर ने कहा कि पूर्व में प्रदेश में जयराम ठाकुर के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार द्वारा शुरू की गई “एक साल पांच काम” योजना को भी इस स्कीम में शामिल किया जाना प्रदेश के लिए गौरव की बात है।
कांग्रेस द्वारा योजना के नाम बदलने पर किए जा रहे विरोध पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कंवर ने कहा कि महात्मा गांधी भगवान राम के अनुयायी थे और रामराज्य की अवधारणा के समर्थक थे। कांग्रेस केवल राम नाम के विरोध के लिए विरोध कर सुर्खियां बटोरने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस शासनकाल में भी कई योजनाओं के नाम बिना किसी तर्क के बदले गए थे।
कंवर ने कहा कि जी-राम-जी योजना ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने, किसानों व मजदूरों को स्थायी आजीविका प्रदान करने और विकसित भारत के संकल्प को साकार करने की दिशा में एक मजबूत कदम है।