बिजनौरः मुजफ्फरनगर के बिजनौर में क्लिनिक पर राज्य महिला आयोग की सदस्य संगीता जैन ने पुलिस के साथ डॉ. तेवतिया के क्लिनिक पर छापा मारा। इस दौरान पुलिस को क्लीनिक मेें आते देख सीएमओ डॉ. तेवतिया भागकर टॉयलेट में छिप गए। 15 मिनट तक डॉक्टर टॉयलेट में छिपे रहे। बताया जा रहा है कि जब पुलिस द्वारा बाथरूम का दरवाजा तोड़ने की बात कही गई तो 15 मिनट बाद हाथ पोछते हुए डॉक्टर तेवतिया बाहर निकल कर आए। इस दौरान डॉ. सुनील तेवतिया और राज्य महिला आयोग की सदस्य संगीता जैन के बीच निजी अस्पताल में तीखी नोकझोंक हो गई। मामला तब शुरू हुआ जब आयोग की सदस्य अचानक नवजीवन अस्पताल पहुंच गईं। यह वही अस्पताल है, जिसे डॉ. तेवतिया की पत्नी डॉ. नीतू तेवतिया, संचालित करती हैं।
संगीता जैन का आरोप है कि उन्होंने अस्पताल में डॉ. सुनील तेवतिया को मरीजों का इलाज करते हुए देखा। सरकारी नियमों के अनुसार किसी भी सरकारी डॉक्टर को निजी प्रैक्टिस करने की अनुमति नहीं होती। उनके मुताबिक, यह शिकायत पहली बार नहीं उठी है। करीब ढाई महीने पहले भी इसी तरह की शिकायत आई थी, जिसके बाद उन्होंने डॉ. तेवतिया को समझाया था, लेकिन स्थिति सुधारने के बजाय अब मामला फिर दोहराया गया। अस्पताल के भीतर दोनों पक्षों के बीच काफी देर तक तीखी बहस होती रही। आसपास मौजूद लोग तमाशा देखते रहे। संगीता जैन ने साफ कहा कि वह इस पूरे प्रकरण की शिकायत उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक से करेंगी।
उनका कहना है कि सरकारी अधिकारी होने के बावजूद निजी अस्पताल में मौजूद रहना भी संदेह पैदा करता है। जब पहले भी शिकायत की जा चुकी है तो मामले की गंभीरता और बढ़ जाती है। संगीता जैन ने डॉ. तेवतिया को याद दिलाया कि 2 महीने पहले भी उन्हें अवैध क्लिनिक चलाने पर पकड़ा गया था और चेतावनी दी गई थी कि दूसरे जिले में आकर कोई अवैध काम न करें। डॉ. तेवतिया ने कहा कि वह छुट्टी पर हैं और पत्नी से मिलने आए थे। संगीता जैन ने चेतावनी दी कि सरकारी पद पर रहने के बावजूद अवैध काम करना जनता के लिए खराब संदेश है। इंस्पेक्टर चांदपुर अमित कुमार और उनकी टीम ने कहा कि अगर अवैध काम नहीं हो रहा था, तो सीएमओ को टॉयलेट में छिपने की क्या आवश्यकता थी। महिला आयोग ने कहा कि मामले की जांच और आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
दूसरी ओर, डॉ. सुनील तेवतिया ने आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि रविवार को अवकाश था और वे सिर्फ अपने परिवार से मिलने चांदपुर आए थे। उनका दावा है कि न तो उन्होंने मरीज देखे और न ही कोई प्राइवेट प्रैक्टिस की। यही बात उनकी पत्नी डॉ. नीतू तेवतिया ने भी दोहराई। उनका कहना है कि अस्पताल उनका है और उनके पति केवल घर आने पर अस्पताल भी आ गए थे। इस बीच, जिला प्रशासन ने कहा है कि उन्हें फिलहाल इस मामले की कोई आधिकारिक शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। प्रभारी डीएम एवं सीडीओ रणविजय सिंह ने बताया कि शिकायत मिलने पर नियमों के मुताबिक जांच कराई जाएगी और पूरी रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी।