कपूरथलाः सिख जत्थे के साथ पाकिस्तान जाकर सरबजीत कौर ने निकाह कर लिया। वहीं इस मामले को लगातार नए-नए खुलासे हो रहे है। दरअसल, सरबजीत कौर अमानीपुर गांव की रहने वाली है। इस मामले को लेकर एसजीपीसी सदस्य खुलकर सामने आए हैं। सुल्तानपुर लोधी की एसजीपीसी सदस्य बीबी गुरप्रीत कौर रूही ने बताया कि सरबजीत कौर ने ननकाना साहिब जाने के लिए गुरुद्वारा श्री बेर साहिब में फाइल रिकॉर्ड कीपर को दी थी। ऐसे में दूसरे श्रद्धालुओं से भी दस्तावेज मांगे गए थे। इसी क्रम में सरबजीत कौर ने अपना पासपोर्ट जमा करवाया।
उन्होंने गांव के नंबरदार अर्जुन सिंह से संपर्क कर सरबजीत की पहचान और गांव में रहने की पुष्टि की। इसके बाद फाइल एसजीपीसी को भेजी गई। एसजीपीसी सदस्य ने स्पष्ट किया कि सरबजीत कौर की फाइल कभी वापस नहीं आई और न ही इसमें किसी तरह की कोई गलती थी। उन्होंने बताया कि सरबजीत कौर के करतारपुर कॉरिडोर जाने का कोई आवेदन उनके पास कभी नहीं आया था।
सरबजीत कौर के पाकिस्तान से न लौटने पर बीबी गुरप्रीत ने नंबरदार और गुरुद्वारा के रिकॉर्ड कीपर के साथ उनके घर जाकर जांच की। इस दौरान जब सरबजीत कौर के बेटों से बात की तो उन्होंने बताया कि उनका मां से कोई संबंध नहीं है और वह पाकिस्तान से वापस नहीं लौटी हैं। एसजीपीसी सदस्य बीबी गुरप्रीत कौर रूही ने कहा कि उनका काम केवल यह देखना है कि यात्री सिख धर्म के प्रति समर्पित है या नहीं और गांव का स्थायी निवासी है या नहीं। आपराधिक रिकॉर्ड या अन्य पृष्ठभूमि की जांच करना पंजाब और भारत सरकार की जिम्मेदारी है।
उन्होंने बताया कि एसजीपीसी वर्तमान में यात्रियों की पृष्ठभूमि की जांच नहीं करता है। बीबी गुरप्रीत कौर ने बताया कि उनके पास अभी तक अकेली महिला, तलाकशुदा या विधवा के संबंध में यात्रा पर रोक लगाने को लेकर कोई निर्देश नहीं है। उनके अनुसार अभी तक कोई रोक नहीं है। एसजीपीसी रोक लगाने का फैसला लेती है तो उसे माना जाएगा। उन्होंने सरकारों से आग्रह किया कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए यात्रियों के रिकॉर्ड की जांच सुनिश्चित की जाए।