जालंधर : पंजाब के हरित विभाग मंत्री मोहिंदर भगत ने कैंडल मार्च का नेतृत्व किया, जिसमें हरियाणा में वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी वाई. पुराण कुमार की दुखद आत्महत्या का विरोध किया गया। उन्होंने बीजेपी सरकार की आलोचना की कि उसने दलित अधिकारियों और नागरिकों की रक्षा करने में असफल रहा।
यह मार्च श्रीराम चौक से प्रारंभ होकर लवकुश चौक पर समाप्त हुआ। इसमें आम आदमी पार्टी (आप) के वरिष्ठ नेताओं और नागरिक समाज के सदस्यों ने भाग लिया। मंत्री के साथ मेयर विनीत धीर, पंजाब स्टेट कोऑपरेटिव एग्रीकल्चर डेवलपमेंट बैंक के चेयरमैन पवन कुमार टिनु, पंजाब एग्री एक्सपोर्ट कॉर्पोरेशन लिमिटेड के चेयरमैन मंगल सिंह बद्दी, पंजाब स्मॉल इंडस्ट्री व एक्सपोर्ट कॉर्पोरेशन के उपाध्यक्ष दिनेश धल्ल भी मौजूद थे। इन सभी ने घटना पर गहरी चिंता व्यक्त की और मृतक अधिकारी और उनके परिवार के लिए न्याय की मांग की है।
मंत्री भगत ने कहा कि यह अधिकारी, जो एक दलित समुदाय से थे, “सिस्टम द्वारा इतनी कठोर रूप से प्रताड़ित किए गए थे कि उन्होंने अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली।” उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार की निष्क्रियता न केवल प्रशासनिक उदासीनता का प्रतीक है, बल्कि यह उसकी दलित विरोधी मानसिकता को भी उजागर करता है। इसके साथ ही उन्होंने हाल ही में भारत के मुख्य न्यायाधीश पर हुए हमला का उदाहरण देते हुए कहा कि यह भी इस पक्षपात का एक और चिंताजनक उदाहरण है, जो भी दलित समुदाय से हैं।
मंत्री ने केंद्र और हरियाणा में BJP सरकार पर आरोप लगाया कि वे भेदभाव को बढ़ावा दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाओं ने पूरे देश में दलित समुदायों के बीच भारी गुस्सा पैदा कर दिया है। उन्होंने जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की मांग की और अपराधीकरण का मामला दर्ज करने की अपील की ताकि उचित न्याय हो सके।