श्रीनगरः लेह-लद्दाक में बीते दिनों हुए हिंसक प्रदर्शन के मामले में बड़ा एक्शन लिया गया है। इस हिंसा के दो दिन बाद मशहूर पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को गिरफ्तार कर लिया गया है। इस हिंसा में 4 लोगों की मौत हुई थी। जबकि करीब 80 लोग घायल हुए थे। बीते दिनों हुई इस हिंसा में आक्रोशित लोगों ने लद्दाख में भारी तोड़-फोड़ और आगजनी की थी। प्रदर्शनकारियों ने BJP दफ्तर को भी फूंक दिया था। उधर, सरकार ने वांगचुक पर NSA लगा दिया है।
वहीं सोनम की गिरफ्तारी के बाद मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई है। इंटरनेट सेवा बंद करने की यह कार्रवाई लेह शहर में पुलिस और लद्दाख को राज्य का दर्जा देने की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़पों के दो दिन बाद की गई है।
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ਸੋਨਮ ਵਾਂਗਚੁਕ NSA ਅਧੀਨ ਗ੍ਰਿਫ਼ਤਾਰ, 4 ਮੌਤਾਂ ਤੇ 90 ਜ਼ਖ਼ਮੀ, ਲੱਦਾਖ ਵਿੱਚ ਕਰਫਿਊ ਲਾਗੂ
अधिकारियों ने बताया कि लद्दाख के पुलिस महानिदेशक के नेतृत्व में पुलिस दल ने अपराह्न 2.30 बजे वांगचुक को हिरासत में लिया। वांगचुक पर लगाए गये आरोपों के बारे में अभी स्पष्ट जानकारी नहीं मिल सकी है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने हिंसा का कारण बने उकसावे के लिए वांगचुक को जिम्मेदार ठहराया है। इस बीच, लद्दाख को राज्य का दर्जा देने के लिए आंदोलन का नेतृत्व कर रही लेह की सर्वोच्च संस्था ने 24 सितंबर की हिंसा से खुद को अलग करते हुए कहा है कि उनका विरोध शांतिपूर्ण है और हिंसा तब भड़की जब युवाओं का एक वर्ग नियंत्रण से बाहर हो गया।
गिरफ्तारी से पहले वांगचुक ने कहा था कि उन पर जन सुरक्षा अधिनियम (PSA) के तहत मुकदमा चलाने की तैयारी है और उन्हें दो साल तक जेल में रखा जा सकता है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि हाल ही में लद्दाख में हुई हिंसक झड़पों के लिए उन्हें जिम्मेदार ठहराया जा रहा है, जबकि वे केवल शांतिपूर्ण आंदोलन का नेतृत्व कर रहे थे। वांगचुक ने इसे ‘बलि का बकरा’ बनाने की रणनीति करार दिया था।