फतेहपुर: उत्तर प्रदेश में फतेहपुर के सदर अस्पताल में मानवता को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है। खागा कोतवाली क्षेत्र के लाखीपुर गांव से आए एक गरीब पिता शाहरुख के नवजात बेटे की इलाज के अभाव में मौत हो गई।आरोप है कि अस्पताल पहुंचने के बावजूद डॉक्टरों ने समय रहते न जांच की, न ऑक्सीजन लगाया और न ही कोई प्राथमिक इलाज दिया। इस गंभीर घटना का वीडियो किसी शख्स ने अपने मोबाइल से रिकॉर्ड कर सोशल मीडिया पर डाल दिया। अब यह वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में पिता ज़मीन पर बैठा, अपने मृत बेटे को गोद में लिए हुए फूट-फूट कर रोते हुए नजर आ रहा है।
वीडियो में पिता रोते हुए बार-बार कह रहा है “मैं मर जाता लेकिन मेरे बच्चे को किसी ने हाथ नहीं लगाया…” परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर गंभीर लापरवाही और अमानवीय व्यवहार का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि आपात स्थिति में आने के बावजूद डॉक्टरों ने बच्चे को छूने तक से इनकार कर दिया और अस्पताल में मौजूद स्टाफ ने बेहद बेरुखी से व्यवहार किया। ऑक्सीजन सिलेंडर तक नहीं दिया गया, जबकि बच्चे की हालत नाजुक थी।
वहीं मामले की जानकारी देते हुए सीएमएस डॉक्टर पीके सिंह ने बताया कि उनके संज्ञान में आर्यन नामक बच्चे का मामला सामने आया था। उस बच्चे की पहले ही मौत हो चुकी थी। वहीं डॉक्टर ने ऑक्सीजन लगाकर चैक किया, जिसके बाद ईसीजी करवाया गया। बच्चे की धड़कन नहीं चल रही थी। वहीं डॉक्टर के मौजूद ना होने पर कहा कि डॉक्टर बीएम आर्य की सुबह 8 बजे से अगले दिन सुबह 8 बजे तक उनकी ड्यूटी है और वह ड्यूटी पर तैनात थे। इस दौरान अन्य डॉक्टर की ड्यूटी भी 24 घंटे तैनात थे। डॉक्टर ने परिजनों द्वारा लगाए गए आरोपों को बेबुनियाद बताया।