मोगाः पंजाब सरकार द्वारा सरकारी स्कूलों की गुणवत्ता सुधारने के लगातार प्रयास कर रही हे। वहीं गांव समाधभाई स्थित सीनियर सेकेंडरी स्कूल का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है, जिसमें छात्रों ने बताया कि स्कूल उनसे हर महीने 50 रुपए फीस ले रहा है, जबकि उन्हें यह नहीं बताया गया कि फीस किस चीज़ की ली जा रही है। समाधभाई गांव के सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल में करीब 550 बच्चे पढ़ते हैं और स्कूल में 18 शिक्षक मौजूद है। जानकारी के मुताबिक 6वीं से 8वीं तक के 283 छात्रों से 50 रुपए प्रति महीना लिया जा रहा है।
वायरल वीडियो में बच्चों के पेरेंटस कहा कि यह पैसा वह दे रहे है, लेकिन इसकी कोई रसीद दी जाती। स्कूल इंचार्ज अमनदीप सिंह का कहना है कि वीडियो वायरल किया गया है कि स्कूल की और से बच्चों से फीस लिया जा रही है। हालांकि यह फीस स्कूल नहीं लेता बल्कि यह फीस दान के रूप से एसएमसी कमिटी लेती है, जिसका सरकारी स्कूल की फीस से कोई लेना-देना नहीं है। सरकारी स्कूल में कोई फीस नहीं ली जाती, जिसने वीडियो बनाई है वह स्कूल को बदनाम करने के लिए बनाया गया है और बच्चों को सिखाकर बनाया गया है।
एसएमसी कमेटी के चेयरमैन जसविंदर सिंह ने कहा कि यह कदम मजबूरी में उठाया गया है ताकि शिक्षकों की कमी की भरपाई हो सके और बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो। यह एसएमसी कमेटी की ओर से फैसला लिया गया। जिसमें 6वीं से लेकर 8वीं क्लास तक के बच्चों से हर महीना 50 रुपए करके लिया दान के नाम लिया जाता है। इन पैसों के लिए बच्चों पर को दबाब नहीं डाला जाता। इस पैसों से ही कुछ प्राइवेट टीचर रखे जाएंगे। अभी स्कूल में 5 प्राइवेट टीचर रखे गए है, जिन्हें इसी पैसों से सैलेरी दी जाती है। यह कमेटी काफी लंबे समय से चल रही है। इस मामले में जब मोगा डीईओ से संपर्क किया गया तो उन्होंने बीते दिन फोन नहीं उठाया, आज शनिवार डीईओ दफ्तर छुट्टी के चलते संपर्क नहीं हो पाया।