अमृतसरः पंजाब में वर्ष 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले पंजाब में बड़े राजनीतिक बदलाव की सुगबुगाहट शुरू हो गई। वहीं आज शिरोमणि अकाली दल की बैठक में सहमति से एक बार फिर से शिरोमणि अकाली दल का प्रधान सुखबीर बादल को चुना गया। सुखबीर बादल के नाम को लेकर किसी ने भी विरोध नहीं किया। गोल्डन टेंपल परिसर में बने तेजा सिंह समुद्री हॉल में पार्टी की बैठक में सुखबीर बादल के नाम पर सभी नेताओं ने मोहर लगाई है। 3 महीने चली सदस्यता मुहिम के बाद यह चुनाव हो हुआ।
बता दें कि यह जनरल इजलास शिरोमणि अकाली दल के कार्यकारी अध्यक्ष बलविंदर सिंह भुंडड़ की अगुवाई में रखा गया था। बलविंदर सिंह भुंडड़ ने सुखबीर बादल का नाम पेश किया था और परमजीत सिंह सरना ने भी सुखबीर बादल के नाम का समर्थन किया। सुखबीर सिंह बादल के अलावा 2 दिसंबर को श्री अकाल तख्त साहिब द्वारा हुए हुक्मनामे के बाद जहां शिरोमणि अकाली दल की वर्किंग कमेटी ने सुखबीर सिंह बादल का इस्तीफा मंजूर किया था, वहीं नई भर्ती पर डेलीगेट बनाकर नए अध्यक्ष का चुनाव जल्द कराने का ऐलान भी किया गया था। शिरोमणि अकाली दल द्वारा पंजाब और बाहरी सूबों में बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं को जोड़ने का दावा करते हुए और पूरी चुनाव प्रक्रिया पूरी करने के बाद यह इजलास रखा गया था।
भले ही शिरोमणि अकाली दल से बागी हुए नेता 2 दिसंबर को श्री अकाल तख्त साहिब द्वारा बनाई 7 सदस्यीय भर्ती निगरानी कमेटी के पांच सदस्यों की अगुवाई में 18 मार्च से अलग भर्ती शुरू कर लगातार भर्ती कर रहे थे और शिरोमणि अकाली दल के इस इजलास को श्री अकाल तख्त साहिब द्वारा 2 दिसंबर के हुक्मनामे के अनुसार गलत कह रहे थे, लेकिन अकाली दल यह सारी प्रक्रिया चुनाव आयोग के नियमों के अनुसार करते हुए अध्यक्ष का चुनाव करवाया गया।
डेलीगेटों द्वारा अपने अधिकार का उपयोग करने के लिए इजलास में शामिल होने के लिए भारी उत्साह देखने को मिला। शिरोमणि अकाली दल के जनरल इजलास के दौरान पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और शिरोमणि अकाली दल के लंबे समय तक अध्यक्ष रहे प्रकाश सिंह बादल के आकस्मिक निधन पर शोक प्रस्ताव पारित किया गया। शोक प्रस्ताव में जहां प्रकाश सिंह बादल की पंजाब और पार्टी के प्रति सेवाओं को याद किया गया, वहीं पार्टी के लिए उनका न पूरा होने वाला घाटा बताया गया।