कुल्लूः हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले की लगघाटी के कनौण की ऊंची पहाड़ी पर रात ढाई बजे बादल फटने के बाद फ्लेश फ्लड आ गया। सरवरी में एक पैदल पुल क्षतिग्रस्त हो गया। गनीमत यह रही है कि इस प्राकृतिक आपदा में कोई जानी नुकसान नहीं हुआ। फ्लेश फ्लड से खासा नुकसान हुआ और सड़क का एक हिस्सा टूट गया है। बादल फटने से कुल्लू शहर के पास बहने वाली सरवरी खड्ड में जलस्तर काफी बढ़ गया, जिससे सरवरी में एक पैदल पुल क्षतिग्रस्त हो गया। वहीं, फोरलेन से कुल्लू बस स्टैंड को जोड़ने वाली मुख्य सड़क का बड़ा हिस्सा भी तेज बहाव में बह गया। हालांकि, पुलिस ने सड़क के क्षतिग्रस्त हिस्से की बैरिकेडिंग कर दी गई है और लोगों को आगे जाने से रोका जा रहा है। कुछ लोग खतरा मोल लेकर अपनी गाड़ियां इन सड़कों पर चला रहे हैं, जिससे प्रशासन की चिंता और बढ़ी है।
दूसरी ओर बादल फटने से आई बाढ़ की चपेट में आकर कनौण में तीन दुकानें बह गईं और बाढ़ से लोगों की ज़मीनों, बाग–बगीचों और फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है। ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों की आवाजाही प्रभावित हुई है। एक युवक ने बताया कि कनौण गांव में बूबू नाले पर बना पुल बह गया और 3 दुकानों का नामोनिशान मिट गया। युवक ने बताया कि वह पूरी रात सोए नहीं हैं। युवक ने बताया कि गांव का संपर्क कट गया है और बादल फटने के बाद काफी नुकसान हुआ है और सड़क पर बड़े बड़े पत्थर आ गए थे। इसके अलावा, हनुमानी बाग को जोड़ने वाला पैदल पुल भी टूटने की कगार पर है, जिससे स्थानीय लोगों की आवाजाही पर संकट खड़ा हो गया है।
प्रशासन ने लोगों से नदी किनारे जाने से परहेज करने और सतर्क रहने की अपील की है। कुल्लू जिला प्रशासन ने बीती रात से हो रही बारिश के चलते बंजार और कुल्लू सदर में स्कूल और कॉलेजों को बंद करने के आदेश दिए हैं। डीसी कुल्लू, एस. रवीश (IAS) ने आदेश जारी करते हुए बताया कि क्लाउडबर्स्ट, फ्लैश फ्लड और भूस्खलन की वजह से जगह-जगह सड़कों के बाधित होने, पुल बह जाने और नुकसान की सूचनाएं मिल रही हैं। भारत मौसम विज्ञान विभाग ने 19 अगस्त 2025 के लिए कुल्लू जिला में येलो अलर्ट जारी किया है।
सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने आदेश दिया है कि कुल्लू और बंजार उपमंडल के सभी शैक्षणिक संस्थान, जिनमें स्कूल, कॉलेज, आईटीआई, पॉलिटेक्निक, इंजीनियरिंग व फार्मेसी कॉलेज (सरकारी व निजी), आंगनबाड़ी केंद्र और DIET शामिल हैं, 19 अगस्त 2025 को बंद रहेंगे। प्रशासन ने संबंधित अधिकारियों को छात्रों और स्टाफ की सुरक्षा व कल्याण सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही, प्रशासन ने सरवरी क्षेत्र में नदी-नालों के किनारे झुग्गियों में रह रहे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित कर दिया है। नदी-नालों का जलस्तर ऊंचा बना हुआ है और लोगों में डर का माहौल है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे सतर्क रहें, अफवाहों से बचें और सुरक्षित स्थानों पर रहें।