रासायनिक खेती धरती, वातावरण ओर शरीर का नुक़सान कर रही: अंकुश शर्मा

रासायनिक खेती धरती, वातावरण ओर शरीर का नुक़सान कर रही: अंकुश शर्मा

विभाग द्वारा लगाए जा रहे प्रशिक्षण शिबिर  

ऊना/सुशील पंडित: प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना को प्रदेश में 2018 से शुरू किया गया व इस खेती को सफल बनाने के लिए छोटे से बड़े  दर्जे के किसानों के लिए विभाग द्वारा प्रशिक्षण शिविर लगाए जा रहे है।

इसी खेती को ओर ज़्यादा किसानों तक पहुंचाने हेतु प्राकृतिक खेती बारे में विकास खंड हरोली में कृषि विभाग आत्मा परियोजना के अधिकारियों द्वारा किसानों के लिए दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर (04-05 अगस्त) का आयोजन किया गया।      

इस शिविर में डा॰अंकुश शर्मा ने बताया कि किस प्रकार रासायनिक खेती धरती, वातावरण ओर शरीर का नुक़सान कर रही है। इसलिए हमें कम से कम अपने खाने के लिए अनाज ओर सब्ज़ियों को बिना किसी रसायनों ओर खादों के प्रयोग किए बिना उगाना चाहिए। 

इसमें ड़ा॰ संतोष शर्मा उप परियोजना निदेशक आत्मा ने खेती के चार स्तंभ बीजामृत जीवामृत, बापसा, आच्छादन के बारे में भी बिस्तृत जानकारी दी गयी। साथ ही मक्की में आने वाली सुंडी की प्राकृतिक तरीक़े से रोकथाम के बारे में बताया।

प्रगतिशील किसान रमन कुमार जो की 2018 से लगभग 50 कनाल में सफलतापूर्बक प्राकृतिक खेती कर रहे है उन्होंने महिलाओं को प्राकृतिक खेती के विभिन्न सिद्धांतों व बीज संस्कार के लिए देसी गाय के गोबर गोमूत्र से निर्मित बीजामृत   व जीवामृत घनजीवामृत, अग्निअस्त्र आदि को  वास्तविक रूप से बना कर बताया गया  । इसमें आत्मा परियोजना हरोली के सहायक तकनीकी प्रबंधक ड़ा॰ दविंदर कौर व  ड़ा॰शिवांक जसवाल ने किसानों को अच्छे स्वास्थ्य और खुशहाल जीवन के लिए प्राकृतिक खेती व  देशी गाय के गुणों से भी अवगत करवाया। शिविर के अंत में सभी प्रतिभागियों को किसानो को भिंडी ओर धनिया का बीज भी निशुल्क दिया गया।