सेहत: अल्जाइमर एक ऐसी बीमारी है जिसके कारण याददाश्त कमजोर हो जाती है। यह समस्या ज्यादातर बूढ़े लोगों को ही होती है इसलिए जैसे-जैसे उम्र बढ़ती जाती है वैसे-वैसे उनकी याददाश्त कमजोर हो जाती है लेकिन शायद आप यह न जानते हो कि रिसर्च में एक नया खुलासा हुआ है। इस रिसर्च के अनुसार, ये परेशानी आदमियों के मुताबिक औरतों में ज्यादा देखने को मिलती है। PNAS में पब्लिश हुई स्टडी के दौरान जब रिसर्चर्स ने 17 से 95 साल की उम्र के बीच के 4700 एडल्ट्स के दिमाग को रिसर्चर्स ने एग्जामिन किया। उन्होंने यह देखा कि क्या ब्रेन एजिंग जेंडर पर भी डिपेंड करती है।
महिलाओं को ज्यादा खतरा
इस स्टडी के रिजल्ट में पाया गया है कि आदमी और औरतों के समय के साथ ब्रेन एजिंग होती है लेकिन दोनों के रिजल्ट्स नहीं होते। ऐसे में महिलाओं के मुकाबले आदमियों में तेजी से ब्रेन एजिंग के संकेत नजर आए। ये डिक्लाइन ज्यादातर दिमाग के पैराहिपोकैम्पल कॉर्टेक्स जैसे हिस्सों में देखने को मिला जो इंसान की मेमोरी और इमोशंस के लिए जिम्मेदार होते है। वहीं दूसरी ओर महिलाओं में ब्रेन एजिंग के संकेत कम जगहों पर देखने को मिले। इसके साथ ही महिलाओं के दिमाग में इस दौरान ब्रेन वेंट्रिकल बढ़ते हुए नजर आए।
ये कारण हैं जिम्मेदार
रिसर्चर्स का यह मानना है कि ब्रेन एजिंग में नजर आने वाले इन डिफरेंस के कई कारण हो सकते हैं जैसे कि मेटाबॉलिक फंक्शन, एपीजेनेटिक चेंजेस, हार्मोन्स आदि। इस दौरान रिसर्चर्स को हैरानी वाली बात यह पता चली कि हालांकि आदमियों में ब्रेन टिश्यूज जल्दी कम होते हैं और ब्रेन स्ट्रक्चर छोटा होता चला जाता है लेकिन इसके बाद भी अल्जाइमर्स जैसी मैमोरी लॉस की समस्या औरतों को ही ज्यादा होती है।
हार्मोनल बदलाव है मुख्य कारण
ऐसे में महिलाओं में अल्जाइमर के रिस्क का एक बड़ा कारण है उनके शरीर में तेजी से होने वाले हार्मोनल बदलाव। महिलाओं में मेनोपॉज, प्रेग्नेंसी और मेंस्ट्रुअल साइकिल के कारण कई तरह के बदलाव देखने को मिलते हैं जो इसके लिए जिम्मेदार हो सकते हैं।