नई दिल्ली: भारत पर 50% टैरिफ लगाने के बाद डोनाल्ड ट्रंप की उनके अपने ही देश में आलोचना हो रही है। राष्ट्रपति के इस फैसले के खिलाफ अमेरिकी संसद में एक प्रस्ताव रखा गया है। इस प्रस्ताव में भारत पर लगा हुआ टैरिफ हटाने के लिए कहा गया है। भारतीय मूल के अमेरिकी सांसद राजा कृष्णमूर्ति, सांसद डेबोरा रॉस और सांसद मार्क वेसी ने मिलकर नीचे सदन में यह संकल्प पत्र पेश किया है। इस संकल्प पत्र में उन्होंने कहा है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के द्वारा घोषित राष्ट्रीय आपातकाल को खत्म करने की मांग भी की है। इसके अंतर्गत ही भारत पर 50% टैरिफ लगा है। अमेरिकी सांसदों ने इसे अवैध और अमेरिकी अर्थव्यवस्था के लिए खतरनाक बताया है।
राष्ट्रपति ट्रंप पर बनाया जा रहा दबाव
इस प्रस्ताव का उद्देश्य राष्ट्रीय आपातकालीन आदेश को खत्म करना है। इसके अंतर्गत भारत से आने वाले कई प्रोडक्ट्स पर पहले 25 फीसदी और फिर एक्स्ट्रा टैरिफ सेकेंडरी ड्यूटी लगाकर कुल 50% टैरिफ पहुंचा दिया है। यह टैरिफ अंतरराष्ट्रीय एमरजेंसी आर्थिक शक्तियां अधिनियिम के अंतर्गत लगाया गया था। इस प्रस्ताव का उद्देश्य अब इसको खत्म करना है। इस प्रस्ताव के चलते अब सांसद राष्ट्रपति दबाव बना रहे हैं। ट्रंप के आदेश के अंतर्गत भारतीय प्रोडक्ट्स पर 1 अगस्त से 25% टैरिफ लगाया गया है।
टैरिफ रणनीति को वापिस लिया जाए
अमेरिका का यह कहना है कि भारत के रुस से तेल खरीदने से अप्रत्यक्ष तौर पर यूक्रेन में मॉस्को के युद्ध प्रयासों को समर्थन मिलता है। कांग्रेस मैन ने भी आलोचना करते हुए कहा कि भारत अमेरिका का एक अहम सांस्कृतिक, आर्थिक और रणनीतिक साझेदार हैं। उनका कहना है कि अवैध टैरिफ नॉर्थ टेक्सॉस के आम लोगों पर टैक्स के जैसे है। यह पहले से हर स्तर में मंहगाई से जूझ रहे हैं। भारतीय-अमेरिकी सासंद ने टैरिफ रणनीति पर कहा कि – अमेरिकी हितों की सुरक्षा या आगे बढ़ाने की जगह इससे सप्लाई चेन बाधित होगी। अमेरिकी मजदूरों का नुकसान होगा। इससे पहले अक्टूबर में रॉस, वीजी और कृष्णामूर्ति ने कांग्रेसमैन रो खन्ना और 19 अन्य सांसदों ने साथ में मिलकर ट्रंप से उनकी टैरिफ नीतियों को वापिस लेने और नई दिल्ली के साथ रिश्ते सुधारने की अपील की थी।