संसद के सामने बड़े पैमाने पर प्रदर्शन करने का किया ऐलान
जालंधर, ENS: अमेरिका से हाल ही में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सत्ता में आते ही हजारों भारतीयों को डिपोर्ट कर दिया था। जिसको लेकर देश-विदेश में इसका मुद्दा गरमा गया था। वहीं अमेरिका के बाद यूरोपीय देश पुर्तगाल में रह रहे विदेशियों सहित 13,380 भारतीय शामिल पर देश से निकालने को लेकर तलवार लटक गई है। वहीं कई देशों के लगभग 44000 लोगों को डिपोर्ट करने की बात कही जा रही है। दरअसल, पुर्तगाल में 2 महीने पहले बनी नई सरकार भी अमेरिकी राष्ट्रपति की प्रवासन-विरोधी नीतियां अपनाकर विदेशियों को देश से निकालना चाहती है। बताया जा रहा है कि पुर्तगाल से निकाले जाने वाले विभिन्न देशों से संबंधित विदेशियों की संख्या 4 लाख बताई जा रही है, जिन्हें वहां की नई सरकार ने हिरासत में रखने के आदेश जारी कर दिए हैं।
पंजाब के कई जिलों से युवा पुर्तगाल में रह रहे हैं और पिछले 5-6 सालों से सरकार को टैक्स दे रहे हैं। वे सभी कानूनी तौर पर वहां रह रहे हैं और सरकार की मेडिकल सुविधाएं भी ले रहे हैं। उनका कहना है कि इसके बावजूद नई सरकार ज़बरदस्ती उन्हें वहां से निकालना चाहती है। आरोप है कि कई लोगों को पुर्तगाल की सरकार ने पकड़कर जेलों में भी बंद कर दिया है, जिनमें 10-12 भारतीय शामिल हैं। पुराने इमिग्रेशन कानूनों की धारा 88 और 89 के अनुसार अगर कोई गैर- पुर्तगाली यहां आकर कानूनी ढंग से परमिट ले लेता है तो वह वहां रह सकता है। वहां का कानून है कि कोई भी विदेशी आकर सारे कानूनों का पालन करता है तो उसे 90 दिनों के भीतर ही बता दिया जाता है कि वह वहां रह सकता है या नहीं।
पीड़ितों ने प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री से मदद की अपील की है। पुर्तगाल में डिपोर्ट होने वाले भारतीयों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और विदेश मंत्री एस. जयशंकर को ईमेल के माध्यम से पत्र भेजकर पुर्तगाल सरकार के सामने इस मुद्दे को उठाने की अपील की है। इसी को लेकर अब 17 तारीख़ को पुर्तगाल की संसद के बाहर प्रदर्शन किया जा रहा है। इसी को लेकर वहां रहने वाले युवाओं ने वीडियो के ज़रिये लोगों से भारी संख्या में प्रोटेस्ट में भाग लेने की अपील की है, ताकि सरकार, एसआईएस के तहत जो लोगों को डिपोर्ट करने का फ़ैसला कर रही है, वह फ़ैसला बदल जाए।