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क्या पराली जलाने वाले किसान जाएंगे जेल, सुप्रीम कोर्ट का आया बड़ा फैसला

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नई दिल्ली: दिल्ली- एनसीआर में पराली जलाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सख्ती दिखाई है। अदालत ने सरकार से कहा कि इस मामले में पराली जलाने वालों के खिलाफ दंडात्मक प्रावधान क्यों नहीं की जा रही है। सरकार कार्रवाई से कतरा क्यों रही है। कुछ लोगों को जेल भेजने से सही संदेश जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण से जुड़ी याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान चिंता जताते हुए साफ कहा कि पराली जलाने की समस्या पर कड़ा कदम उठाना जरूरी है। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि अगर कुछ किसानों को जेल भेजा जाएगा तो इससे बाकी किसानों को भी एक साफ मैसेज मिलेगा कि अब लापरवाही को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

सीजेआई ने कहा कि अगर जल्द कोई फैसला नहीं लिया गया तो सुप्रीम कोर्ट खुद आदेश जारी करेगा। एएसजी भाटी ने कोर्ट से आग्रह किया कि स्थिति की रिपोर्ट पेश होने के बाद मामले पर अगले हफ्ते सुनवाई की जाए. अदालत ने इस पर सहमति जताई है। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि 2018 से अब तक कई आदेश जारी किए जा चुके हैं, लेकिन समस्या वैसी की वैसी ही है। वरिष्ठ वकील राहुल मेहरा ने कहा कि पहले भी कई किसानों को गिरफ्तार किया गया था, लेकिन इसमें ज्यादातर छोटे किसान थे।

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Supreme Court Warns Jail Term May Be Imposed for Stubble Burning in Delhi-NCR

कुछ के पास तो बहुत कम जमीन है और अगर उन्हें जेल भेज दिया जाएगा तो उनके परिवारों का फिर क्या होगा? इस पर CJI ने कहा कि अदालत नियमित गिरफ्तारी की बात नहीं कर रही, बल्कि सिर्फ इतना चाहती है कि एक सख्त संदेश जाए ताकि पराली जलाने की घटनाएं कम हों और ऐसा करने वालों में जेल जाने का डर हो, उन्होंने कहा कि अगर पर्यावरण बचाना हमारी प्राथमिकता है तो दंडात्मक कार्रवाई से पीछे क्यों हटना? सुनवाई के दौरान सीजेआई ने यह भी कहा कि पराली का इस्तेमाल बायो फ्यूल के रूप में किया जा सकता है, उन्होंने अखबारों में छपी रिपोर्ट का जिक्र करते हुए कहा कि यह लंबा प्रोसेस नहीं चाहिए।

किसानों को सम्मान देना जरूरी है क्योंकि उन्हीं की मेहनत से देश की जनता का पेट भरता है, लेकिन पर्यावरण की सुरक्षा भी उतनी ही जरूरी है।एमाइकस अपराजिता सिंह ने कोर्ट को बताया कि केंद्र सरकार ने किसानों को उपकरण और सब्सिडी भी दी है। कॉर्पोरेट को 80 प्रतिशत और व्यक्तिगत किसानों को 50 प्रतिशत तक सब्सिडी उपलब्ध कराई गई है, लेकिन फिर भी पराली जलाने की समस्या जारी है।

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