Lifestyle: ऑफिस वर्कर्स में दिल की बीमारी का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है, और इसके पीछे तीन प्रमुख कारण हैं जो सबसे ज्यादा जिम्मेदार माने जाते हैं
1. बैठे रहने वाली जीवनशैली (Sedentary Lifestyle): ऑफिस का काम ज़्यादातर कुर्सी पर बैठकर कंप्यूटर के सामने होता है, जिससे शारीरिक गतिविधि न के बराबर होती है।
- लंबे समय तक बैठने से रक्त संचार धीमा हो जाता है।
- इससे कोलेस्ट्रॉल, ब्लड प्रेशर और ब्लड शुगर का स्तर बढ़ सकता है।
- शारीरिक निष्क्रियता से मोटापा और मेटाबॉलिक सिंड्रोम जैसी समस्याएं उत्पन्न होती हैं, जो दिल की बीमारी के मुख्य कारण हैं।
2. तनाव और मानसिक दबाव (Chronic Stress): ऑफिस में लगातार काम का दबाव, टारगेट, डेडलाइन और नौकरी की असुरक्षा जैसी बातें मानसिक तनाव को बढ़ाती हैं।
- तनाव से शरीर में कॉर्टिसोल हार्मोन का स्तर बढ़ता है, जो हृदय पर नकारात्मक असर डालता है।
- तनाव में लोग ज्यादा खाना, धूम्रपान, और अल्कोहल का सहारा लेने लगते हैं, जो जोखिम को और बढ़ा देते हैं।
- इससे नींद की गुणवत्ता भी खराब होती है, जो दिल के स्वास्थ्य के लिए जरूरी है।
3. अनियमित और अस्वास्थ्यकर खानपान (Poor Eating Habits): ऑफिस वर्कर्स अक्सर जल्दी में या काम के चलते बाहर का खाना खाते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक हो सकता है।
- ज्यादा फैट, शुगर, और नमक से भरपूर प्रोसेस्ड फूड्स दिल की बीमारी का खतरा बढ़ाते हैं।
- समय पर न खाना, भूखे रहना, या बार-बार स्नैकिंग जैसी आदतें मेटाबॉलिज्म को गड़बड़ा देती हैं।
- पानी कम पीना और कैफीन अधिक लेना भी शरीर को डिहाइड्रेट करता है, जिससे रक्तचाप बढ़ सकता है।
> समाधान:
- हर घंटे में कम से कम 5 मिनट चलें या स्ट्रेच करें।
- ऑफिस में तनाव प्रबंधन के लिए ब्रीदिंग एक्सरसाइज, योग या मेडिटेशन अपनाएं।
- घर का बना संतुलित भोजन खाएं और फास्ट फूड से बचें।
- नियमित स्वास्थ्य जांच करवाते रहें, खासकर यदि परिवार में दिल की बीमारी का इतिहास हो।