बद्दी/सचिन बैंसल: प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू द्वारा शिमला में चल रहे विधानसभा सत्र के बीच फिरौती पत्रकारों का मुददा उठा देने से राज्य में मीडिया जगत में भूचाल आ गया है और असली पत्रकारों में कोहराम मच गया है। मुख्यमंत्री ने सदन की कार्यवाही के दौरान नकली पत्रकारों पर चिंता जाहिर करते हुए ऐसे लोगों को फिरौती पत्रकार करार दिया था और इसका गढ़ बददी को विशेष तौर पर बताया था। गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश का बददी एशिया का सबसे बड़ा औद्योगिक हब है जहां हर तरह के उद्योग कार्यरत है और माफिया पत्रकारिता का उद्योग यहां पनपने पर सरकार भी चिंतित है। हालांकि नकली व ब्लैकमेल करने वाले प्रदेश के समस्त 68 विधानसभा क्षेत्रों में पाए जाते हैं लेकिन मुख्यमंत्री ने सिर्फ एशिया के फार्मा हब बददी का जिक्र कर अनोखा तराना छेड़ दिया। अपने वक्तव्य में सीएम यहीं नहीं रुके बल्कि उन्होने साफ कहा कि ऐसे लोग उद्योगों को तो ब्लैकमेल करते ही हैं साथ में खनन करने वालों को भी गाहे बगाहे तंग करते हैं और ऐसे लोगों के पास पत्रकारिता की डिग्री भी नहीं होती। वहीं मुख्यमंत्री के विधानसभा में दिए गए वक्तव्य के बीच हिमाचल प्रदेश यूनियन आफ जर्नलिस्टस और प्रेस क्लब बददी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है और सरकार से मांग की है कि इस मामले की जांच की जाए और दोषियों पर कार्यवाही की जाए।
कार्यवाही क्यों नहीं करते विभाग-सुरेंद्र शर्मा
नेशनल यूनियन आफ जर्नलिस्टस इंडिया के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य और वरिष्ठ पत्रकार सुरेंद्र शर्मा ने कहा कि अगर मुख्यमंत्री सदन में बयान दे रहे हैं कि बददी में फिरौती पत्रकार है यानि किसी ने फिरौती वसूली है तो पुलिस, प्रशासन, गृह विभाग, विजिलेंस व सूचना एवं जनसंपर्क विभाग बददी शहर में क्या कर रहा है। क्यों नहीं फर्जी पत्रकारों की गणना करके उन पर आवश्यक कार्यवाही की गई।
एशिया की सबसे बडी औद्योगिक नगरी बददी की छवि धूमिल हुई -डा. किशोर
हिमाचल प्रदेश यूनियन आफ जर्नलिस्टस(पंजीकृत) के प्रदेश महासचिव डाक्टर किशोर ठाकुर ने कहा कि हम लंबे समय से केंद्र सरकार से मीडिया काऊंसिल का गठन करने की मांग उठा रहे हैं। उन्होने कहा नेशनल जर्नलिस्टस रजिस्टर का गठन होना चाहिए और हर पत्रकार का डेटा उसमें होना चाहिए। उन्होने कहा कि अगर बददी में किसी पत्रकार ने गलत किया तो क्यों नहीं उसको उसी समय जेल में ठोका गया? इस बयान से एशिया की सबसे बडी औद्योगिक नगरी बददी की छवि धूमिल हुई है।
ऐसे पत्रकार सिर्फ बददी की नहीं बल्कि 68 विधानसभा क्षेत्रों में पाए जाते हैं-डा राणा
नेशनल यूनियन आफ जर्नलिस्टस (इंडिया) के प्रदेशाध्यक्ष डाक्टर रणेश राणा ने कहा कि मुख्यमंत्री के बयान ने पूरे देवभूमि को हिलाकर रख दिया है। रणेश राणा ने कहा कि ऐसे पत्रकार सिर्फ दून की नहीं बल्कि 68 विधानसभा क्षेत्रों में पाए जाते हैं। प्रिंट, इलैक्ट्रानिक्स के पत्रकारों को ही पत्रकार माना जाता है और सीएम ने जिन लोगों को फिरौती पत्रकार करार दिया है वो लोग किसी समाचार पत्र से न होकर फेसबुक सोशल मीडिया के संचालक है और वो पत्रकार की परिधि में नहीं आते। उन्होने कहा कि शिमला में भी जब कोई पत्रकार वार्ता होती है तो उसमें 100 से ज्यादा चैनल आईडी होते हैं जिसमें से 70 फीसदी सोशल मीडिया के चैनल हैं। उन्होने कहा कि प्रदेश सरकार तुरंत मीडिया पॉलिसी बनाए।
सी.एम साब आप कार्यवाही प्रेस क्लब आपके साथ-सचिन
वहीं प्रेस क्लब बददी(पंजीकृत) के अध्यक्ष सचिन बैंसल ने कहा कि नकली व फिरौती पत्रकारों पर अगर प्रदेश सरकार कोई कार्यवाही करती है तो हम उसका स्वागत करते हैं और ऐसे मामलों में पूरी तरह से पुलिस प्रशासन के साथ हैं। सचिन ने कहा कि पुलिस प्रशासन को जो भी खुफिया जानकारी चाहिए होगी वो हम देने को तैयार हैं। उन्होने कहा कि बददी पुलिस के मीडिया गु्रप में 87 पत्रकार जोडे गए हैं जिनको पुलिस पत्रकार मानती है जबकि असली पत्रकार बीबीएन में 30 से ज्यादा नहीं है। ऐसे लोग पुलिस की आड में गलत काम करते हैं और लोगों को धमकाने में सफल हो जाते हैं।