Advertisements
Ad 6
Advertisements
Ad 8
Advertisements
Ad 7

विजय कालिया ने राम मंदिर आंदोलन को कार्यकर्ताओं में भरा था जोश

विजय कालिया ने राम मंदिर आंदोलन को कार्यकर्ताओं में भरा था जोश विजय कालिया ने राम मंदिर आंदोलन को कार्यकर्ताओं में भरा था जोश

34 साल पूर्व की यादें ताजा करके छलक आते हैं खुशी के आंसू

ऊना/ सुशील पंडित:22 जनवरी को श्रीराम लला के अपने जन्म स्थान पर विराजमान होने जा रहे हैं, ऐसे में वे लोग उन पुराने दिनों को याद करके भावुक होते हैं, जिन्होंने श्रीराम मंदिर आंदोलन में न केवल भाग लिया था, अपितु उस वातावरण को तैयार करके सैकड़ो कार्यकर्ताओं को आंदोलन में शामिल करने में अहम भूमिका निभाई थी। विजय कालिया एक ऐसा नाम है जिसने न केवल खुद इस आंदोलन को धार दी थी, बल्कि सैकडों कार्यकर्ताओं को इस आंदोलन से जोड़ा था। न केवल जोड़ा अपितु सैकड़ो कार्यकर्ताओं को इस आंदोलन के माध्यम से अयोध्या में कार सेवा को जाने के लिए प्रेरित किया और उनका मार्ग दर्शन भी किया था। खुद विश्व हिंदू परिषद से जुड़े रहे और 34 साल पूर्व की उन घटनाओं को याद करते हुए बताते हैं कि जिस समय भी आंदोलन कर रही थी उसे समय तक यह उम्मीद नहीं थी कि वह कभी अयोध्या में प्रभु श्रीराम का मंदिर बनकर तैयार होता देख पाएंगे और सबसे बड़ी बात है यह कि श्रीराम लला की प्राण प्रतिष्ठा देखने का उन्हें सौभाग्य प्राप्त हो रहा है। संघर्ष के दिनों को याद करते हुए विजय कालिया बताते हैं कि 1990, 91 में कारसेवकों को यह नहीं पता था कि वे जिस काम के लिए जा रहे हैं वे वहां तक पहुंच भी पाएंगे कि नहीं, क्योंकि उत्तर प्रदेश की कल्याण सिंह सरकार ने बस स्टैंड, रेलवे स्टेशनों तथा अयोध्या को जाने वाले सभी मार्गों पर कड़ा पहरा बैठा रखा था, बावजूद इसके कार सेवकों का उत्साह अयोध्या पहुंचने के लिए न कम हुआ था और न कोई पीछे मुड़ना चाहता था। आज उस संघर्ष के दौर को भूलकर एक सुखद अनुभूति हो रही है कि चलो देर से ही सही वे भगवान श्रीराम लला को टाट से निकलकर अपने भव्य  महल में विराजमान होते देख रहे हैं।

Disclaimer: All news on Encounter India are computer generated and provided by third party sources, so read carefully and Encounter India will not be responsible for any issue.


Encounter India 24 Years Celebration
Add a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page