Advertisements
Ad 6
Advertisements
Ad 8
Advertisements
Ad 7

कलयुग के श्रवण कुमार का अनोखा प्रेम, अपनी चमड़ी काटकर मां के लिए बनवाई चप्पल, देखें वीडियो

कलयुग के श्रवण कुमार का अनोखा प्रेम, अपनी चमड़ी काटकर मां के लिए बनवाई चप्पल, देखें वीडियो कलयुग के श्रवण कुमार का अनोखा प्रेम, अपनी चमड़ी काटकर मां के लिए बनवाई चप्पल, देखें वीडियो

उज्जैनः आपने कई बार श्रवण कुमार जैसे बेटों कहानियां सुनी और पढ़ी होगी। इसके अलावा प्रभु श्री राम के कई अनोखे भक्तों के बार में भी सुना होगा, जो कई तकलीफों के साथ अयोध्या प्रभु के दर्शन करने पहुंचे। आज हम आपको एक ऐसे अनोखे भक्त या कहें बेटे के बारे में बताएंगे, जिसका मां के प्रति प्रेम और श्री राम से मिली प्रेरणा चारों तरफ चर्चा का विषय बनी हुई है। इस बेटे ने अपनी मां के लिए चरण पादुका बनवाई है। यह बात आपको सुनने में आम लग रही होगी, लेकिन इस चरण पादुका की खासियत यह है कि इस बेटे ने अपने शरीर की चमड़ी काटकर यह चरण पादुका बनवाई है।

दरअसल, यह हैरान कर देने वाला मामला उज्जैन में ढांचा भवन में रहने वाले रौनक गुर्जर परिवार के यहां का है। जहां इन दिनों भगवत कथा का आयोजन हो रहा है। रौनक गुर्जर एंबुलेंस से आयोजन स्थल पहुंचा, तो उसके पैर पर पट्टी देख लोग कई कयास लगाने लगे थे, लेकिन जब हकीकत सामने आई तो सब भौचक्के रह गए और अपने आंसू नहीं रोक पाए। राम भजन के दौरान ही रौनक गुर्जर कथावाचक जितेंद्र महाराज के पास पहुंचा। उसने महाराज से कहा रामायण से प्रेरित होकर मां के लिए चमड़ी काटकर खड़ाऊ बनवाए हैं। जिसे सुन हर कोई दंग रह गया। जिस मां के लिए खड़ाऊ बने, वह खुद दंग रह गई। हालांकि मां निरुला गुर्जर ने अपने बेटे रौनक को आंखों में आंसू लिए ढेर सारा आशीर्वाद दिया है और प्रेम से बेटे द्वारा बनवाई चप्पल को पहना।

इससे भी ज्यादा अचरज आपको इस बात पर होगी कि जब आप रौनक गुर्जर के बीती जिंदगी के बारे में जानेंगे. रौनक गुर्जर किसी समय में एक हिस्ट्री शीटर बदमाश हुआ करता था। कुछ साल पहले फरारी के दौरान पुलिस ने उसके पैर में गोली भी मार दी थी, लेकिन जेल से छूटने के बाद उसने अपने आपको बदल दिया। प्रॉपर्टी बिजनेस के साथ सामाजिक और धार्मिक कार्य करने लगा। इसी के चलते वह भागवत कथा करवा रहा है। इसी बीच उसने अपनी जांघ की चमड़ी से चप्पल बनवाकर मां के चरणों में भेंट की। वहीं इस पूरे घटनाक्रम पर कथा कर रहे कथावाचक जितेंद्र महाराज ने आज के युवाओं को मां-बाप के प्रति श्रद्धा और प्रेम रखने का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि रौनक ने मां के प्रति श्रद्धा की एक मिसाल पेश की है।’ इसके साथ ही जब रौनक ने अपनी मां को चप्पल भेंट की, इस दौरान वहां मौजूद बाकी सभी के आंखों में आंसू थे। जबकि रौनक गूर्जर का कहना है की ‘रामायण पढ़ कर उसे यह प्रेरणा मिली है।’ मां निरूला गुर्जर ने कहा की ‘मैं भाग्यशाली हूं जो रौनक जैसा बेटा मिला। रौनक जैसा बेटा हर मां को दे। उसने मुझे हर मुसीबत से बचाकर बेटे का फर्ज निभाया। भगवान उसके दुःख मुझे दे दे।

Disclaimer: All news on Encounter India are computer generated and provided by third party sources, so read carefully and Encounter India will not be responsible for any issue.


Encounter India 24 Years Celebration
Add a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page