पंचकूला: विदेश भेजने के नाम पर लोगों से ठगी करने वाले गिरोह के खिलाफ पुलिस सख्त कार्रवाई कर रही है। इसी कड़ी में अब न्यूजीलैंड में वर्क वीजा दिलवाने का झांसा देकर 15 लाख रुपये की ठगी करने के मामले में एंटी इमिग्रेशन फ्रॉड यूनिट को बड़ी सफलता मिली है। पुलिस के द्वारा इस मामले में मुख्य आरोपी समेत तीन आरोपियों को गिरफ्तार करके उनसे नकदी बरामद की गई है।
इस मामले में बाकी आरोपियों की तलाश पुलिस के द्वारा जारी है। पंचकूला के रहने वाले शिकायतकर्ता ने पुलिस उपायुक्त कार्यालय में शिकायत दी थी कि साल 2024 के मई और जून महीने में उसके बेटे को न्यूजीलैंड भेजने के नाम पर आरोपियों ने उससे 15 लाख रुपये ले लिए। लंबे समय तक आरोपियों ने उसे झूठे वादे करके गुमराह किया।
जब आरोपियों ने उसे विदेश नहीं भेजा तो शिकायतकर्ता के द्वारा पैसे मांगने पर आनाकानी करनी शुरु कर दी। मामले की जानकारी देते हुए डीसीपी पंचकूला सृष्टि गुप्ता ने बताया कि शिकायत के आधार पर 27 मई को भारतीय दंड संहित की धारा 420,406, 120-बी,201 और इमिग्रेशन एक्ट की धारा 24 के अंतर्गत मामला दर्ज करके जांच शुरु कर दी गई।
मामले की जांच एंटी इमिग्रेशन फ्रॉड यूनिट को दी गई। जांच के दौरान पुलिस के द्वारा पहले आरोपी नीरज पुत्र रघुबीर निवासी जिला अंबाला को 10 सिंतबर को गिरफ्तार किया गया। इसके बाद 11 सितंबर को आरोपी को माननीय न्यायालय में पेश करके 4 दिन का पुलिस रिमांड लिया गया। पूछताछ में यह सामने आया कि ठगे गए पैसे आरोपी के द्वारा शैलेंद्र नाम के व्यक्ति के खाते में ट्रांसफर किए गए थे।
पुलिस ने मुख्य आरोपी शैलेंद्र के ठिकानों पर रेड की परंतु वह फरार हो जाता था। इसके बाद पुलिस ने काफी मेहनत के बाद 9 दिसंबर को मुख्य आरोपी शैलेंद्र कुमार उर्फ शैल पुत्र राम बहादुर वासी जिला कानपुर उत्तर प्रदेश को रेड कर गिरफ्तार किया गया। आरोपी को 10 नवंबर को अदालत में पेश करके पांच दिन का पुलिस रिमांड लिया गया।
आरोपी के द्वारा माननीय पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में दायर की गई जमानत याचिका को पहले ही खारिज कर दिया गया था। जांच में पता चला कि आरोपी पिछले पांच सालों से नोएडा में बिना लाइसेंस द मैन पॉवर नाम से एक फर्म चलाकर विदेश भेजने के नाम पर लोगों को गुमराह कर रहा था। जांच में खुलासा हुआ कि ठगी की गई राशि सद्दाम हुसैन अंसारी नाम के व्यक्ति के खाते में ट्रांसफर की गई थी।
पुलिस टीम ने पश्चिम बंगाल में रेड कर 12 दिसंबर को आरोपी को काबू किया। आरोपी को 16 दिसंबर को अदालत में पेश कर 7 दिन के पुलिस रिमांड पर लिया गया। इसके दौरान उससे पूछताछ की जा रही है। पुलिस ने आरोपी के पास से 5 लाख रुपये कैश बरामद कर लिए हैं। पूछताछ पूरी होने के बाद दूसरे आरोपी शैलेंद्र कुमार को आज न्यायिक हिरासत में भेजा गया है।
डीसीपी सृष्टि गुप्ता ने बताया कि इस पूरी कार्रवाई में एंटी इमिग्रेशन फ्रॉड यूनिट के इंचार्ज इंस्पेक्टर योगविंद्र सिंह, जांच अधिकारी जगपाल सिंह, एएसआई दीपक कुमार, महिला सिपाही पूनम तथा साइबर सेल की टीम की सराहनीय भूमिका रही है। डीसीपी का कहना है कि मामले की जांच अभी भी चल रही है और कुछ अन्य आरोपियों की भूमिका भी सामने आई है।
बाकी आरोपियों को जल्द ही गिरफ्तार किया जाएगा। पंचकूला पुलिस ने आम जनता से अपील की है कि विदेश भेजने के नाम पर किसी भी अनधिकृत एजेंट या फर्म के झांसे में न आएं। किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को दी।