आगराः उत्तर प्रदेश के आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे पर डबल डेकर बस और टैंकर के बीच हुई टक्कर में 18 लोगों की मौत हो गई और 19 घायल हो गए थे। इस हादसे की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है कि जिस बस में इतने सारे यात्री सवार थे उसका इंश्योरेंस तक नहीं हुआ था और न ही बस का फिटनेस सर्टिफिकेट था। जिसके बाद अब सरकार की नींद टूटी हैं। यूपी में परिवहन मंत्री दयाशंकर मिश्रा ने आजमगढ़ में औचक निरीक्षण किया। जिसमें जाँच के बाद कई बसों की सीज किया गया है।
परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने आजमगढ़ जिले में परिवहन विभाग की टीम के साथ कंधरापुर थाना क्षेत्र के निकट अचानक से छापा मारा। इस दौरान उन्हें कई ऐसी बसें मिली जो बिना तय मानकों के सरपट दौड़ रही थीं। बसों का ये हाल देखकर मंत्री भी हैरान रह गए। मंत्री की इस छापेमारी की कार्रवाई में करीब डेढ़ दर्जन बसें मानकों को पूरा नहीं करने के कारण सीज की गई।
इस दौरान परिवहन मंत्री ने कहा, चेकिंग अभियान में करीब डेढ़ दर्जन बसों को सीज किया गया है। उनके नंबर अरुणाचल प्रदेश और बिहार के थे। ये बसें आजमगढ़ से दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद तक चलाई जा रही थी। इन गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन दूसरे स्टेट का है गाड़ियों का फिटनेस नहीं है परमिट नहीं है इसके बाद भी बसें चलाई जा रही थी। बस चालक यात्रियों को बिना स्टैंड के भी उतारते हुए दिखाई दिए। बसों में क्षमता से अधिक यात्रियों को भरा जाता है। जिसकी वजह से प्रदेश में लगातार दुर्घटनाएं बढ़ रही हैं।
परिवहन मंत्री ने आरटीओ और एआरटीओ के साथ छापा मारा। यह भी कई गाड़ियां सड़क के किनारे गलत तरीके से खड़ी मिली। जिसके बाद सभी गाड़ियों को सीज करके थाने में भेजा गया है। पूरे प्रकरण की जांच हो रही है अगर कहीं कोई कमी पाई गई तो उनके मालिकों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। परिवहन मंत्री ने कहा कि कोई भी बस बिना फिटनेस, परमिट और पॉल्यूशन सर्टिफिकेट के अगर सड़क पर चलती पाई गई तो बस सीज करके मुकदमा दर्ज कराया जाएगा।
परिवहन उपायुक्त राधेश्याम ने कहा कि पहले भी मानकों को पूरा न करने वाली बसों के खिलाफ कार्रवाई की गई थी। आगे भी कार्रवाई जारी रहेगी। यह अभियान आगे भी चलता रहेगा। उन्होंने कहा कि यात्रियों की सुरक्षा से समझौता करने वाली बसों को सड़कों पर नहीं चलने दिया जाएगा जो मानक पूरा करेंगे वह बसें ही चलेंगीं।