सेहत: इंसान का खून उसकी जिंदगी का सबसे जरुरी धड़कन होता है परंतु यदि वही खून किसी ओर का हो और आपके शरीर के साथ मेल भी न खाए तो क्या होगा। अस्पताल में जब किसी को खून की जरुरत होती है तो डॉक्टर उसकी हालत को ठीक करने के लिए ट्रांसफ्यूजन यानी खून चढ़ाने की प्रक्रिया अपनाई जाती है। यह प्रक्रिया सुनने में भले ही सामान्य लगे लेकिन उस दौरान बहुत ही सेंसिटिव होती है जब मरीज को उसका मेल न खाने वाला ब्लड ग्रूप चढ़ा दिया जाए।
एक्सपर्ट्स के अनुसार, जब किसी व्यक्ति को ऐसा खून चढ़ जाए जो उसके ब्लड ग्रूप से मेल न खाए तो इसका असर शरीर की इम्यून सिस्टम पर होता है। इस स्थिति को मेडिकल भाषा में Acute Hemolytic Transfusion Reaction कहते हैं। इसमें शरीर उस नए खून को नष्ट करने के लिए एंटी बॉडीज बनाता है इससे खून की कोशिकाएं फटने लग जाती हैं और शरीर के अंगों पर गहरा असर होता है।
दिखते हैं ये लक्षण
. तेज बुखार और कंपकंपी
. पेशाब का रंग लाल या गहरा होना
. ब्लड प्रेशर गिरना
. शरीर में सूजन या एलर्जी जैसे लक्षण
. सीने या कमर में अचानक दर्द
. सांस लेने में दिक्कत
इन लक्षणों को यदि समय रहते न पहचाना जाए तो किडनी फेलियर या फिर व्यक्ति की मौत भी हो सकती है।
इस बात का रखें ध्यान
वैसे तो अस्पतालों और ब्लड बैंकों में खून चढ़ाने से पहले ब्लड टाइपिंग जैसी प्रक्रियाएं होती है परंतु यदि किसी से लापरवाही हो जाए लेबलिंग में गलती हो या इमरजेंसी में बिना जांच के खून चढ़ा दिया जाए तो यह जानलेवा भी साबित हो सकती है।
गलत ब्लड ग्रूप का खून चढ़ाना किसी छोटी लापरवाही का बड़ा परिणाम भी होगा। ऐसी स्थिति कुछ ही मिनटों में शरीर के अंदर दिक्कत पैदा कर सकती है और यदि समय रहते इलाज न मिले तो जान भी जा सकती है। ऐसे में यह जरुरी है कि जब भी आपको खून चढ़ाया जाए तो ऐसी प्रक्रिया को हल्के में न लें।