नई दिल्ली। भारतीय रेलवे ने जम्मू-कश्मीर में कश्मीर घाटी को शेष भारत से रेललिंक से जोड़ने की दिशा में गुरुवार को एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की। संगलदान से रियासी तक करीब 46 किलोमीटर के खंड पर मेमू ट्रेन का पहली बार सफल परीक्षण किया जिसमें दुनिया का सबसे ऊंचा चिनाब रेल पुल शामिल है।
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— Encounter News (@Encounter_India) June 20, 2024
जम्मू-कश्मीर को एक वैकल्पिक और विश्वसनीय परिवहन प्रणाली प्रदान करने के उद्देश्य से केन्द्र सरकार द्वारा निर्माणाधीन 272 किलोमीटर की उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक परियोजना (यूएसबीआरएल) के तहत उधमपुर से बारामूला तक कश्मीर घाटी को भारतीय रेलवे नेटवर्क से जोड़ने वाली लंबी रेलवे लाइन का केवल 17 किलोमीटर का भाग बाकी रह गया है। इस महत्वाकांक्षी परियोजना में बानिहाल से संगलदान तक करीब 48 किलोमीटर का खंड इसी वर्ष फरवरी में खोला गया था।
40 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से गुजरी मेमू ट्रेन
रेलवे बोर्ड, उत्तर रेलवे और कोंकण रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा चिनाब पुल के व्यापक निरीक्षण के बाद, आज एक आठ कोच वाले मेमू ट्रेन का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है। रामबन जिले के संगलदान और रियासी के बीच 46 किलोमीटर की विद्युतीकृत लाइन खंड पर मेमू ट्रेन 40 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से गुजरी।
ट्रेन संगलदान से 12:35 बजे चल करके 14:05 बजे रियासी स्टेशन सफलतापूर्वक पहुंची। रास्ते में यह नौ सुरंगों से होकर गुजरी, जिनकी कुल लंबाई 40.787 किलोमीटर है और सबसे लंबी सुरंग टी-44 करीब 11.13 किलोमीटर की है। यह पहली पूरी ट्रेन थी जिसने चिनाब नदी पर दुग्गा और बक्कल स्टेशनों के बीच दुनिया के सबसे ऊंचे आर्च रेल पुल को किया। इस रेल खंड में रियासी, बक्कल, दुग्गा और सावलकोटे स्टेशन रियासी जिले में स्थित हैं।
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