अमृतसरः पंजाब में सबसे बड़े अंतर से लोकसभा चुनाव जीतने वाले ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन के प्रमुख अमृतपाल सिंह को जेल से बाहर लाने के लिए परिवार ने कोशिशें तेज कर दी हैं। पंथक सीट खडूर साहिब से अमृतपाल सिंह ने कांग्रेस के कुलबीर सिंह जीरा को करीब 2 लाख वोटों के बड़े अंतर से हराया है। अमृतपाल सिंह की बंपर जीत के बाद उनका परिवार डिब्रूगढ़ जेल पहुंच गया है। अमृतपाल की पत्नी किरणदीप कौर पहले से ही असम के डिब्रूगढ़ में मौजूद हैं। इस बीच उनकी तस्वीरें भी सामने आईं, जिसमें किरणदीप कौर के पर्स पर मौजूद एक खास चीज ने सबका ध्यान खींचा। उसके बटुए पर अमृतपाल की तस्वीर नजर आई।
अमृतपाल सिंह के माता-पिता जीत का सर्टिफिकेट लेकर अपने सांसद बेटे के साथ जेल पहुंचे हैं। इस दौरान जेल कर्मचारियों को मिठाइयां भी बांटी गईं। जिसकी कई तस्वीरें सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही हैं। इससे पहले उनके वकील राजदेव सिंह खालसा ने अमृतपाल से मुलाकात की। एडवोकेट खालसा ने बताया था कि जेल से अमृतपाल सिंह ने कहा कि वह हलका खडूर साहिब की एसोसिएशन के बहुत आभारी हैं, जिन्होंने चुनाव जीतने के बाद उन्हें जनादेश दिया।


अमृतपाल सिंह जून में जेल से बाहर आएंगे। एक निजी चैनल को दिए इंटरव्यू में राजदेव सिंह खालसा ने कहा था कि वह मंगलवार शाम को दिल्ली एयरपोर्ट से उड़ान भरकर डिब्रूगढ़ से डिब्रूगढ़ पहुंचे थे। बुधवार को उन्होंने अमृतपाल सिंह से मुलाकात करके सासंद बनने की बधाई दी। अमृतपाल सिंह पर एनएसए और उनकी जेल से रिहाई को लेकर उन्होंने कहा कि जनता ने अमृतपाल सिंह को बड़े पैमाने पर जो जनादेश दिया है, वह कानूनी प्रक्रिया से परे है।

सुप्रीम कोर्ट ने कई मामलों में कहा है कि जनता ही शासन करती है। जनता के शासन का यह बुनियादी और मौलिक सिद्धांत है कि जनता के जनादेश को सभी को स्वीकार करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि इसलिए जब जनता ने अमृतपाल सिंह को इतना बड़ा जनादेश दिया है तो मेरी राय में किसी कानूनी प्रक्रिया की जरूरत नहीं है, जिसके चलते पंजाब सरकार और केंद्र सरकार को जनता के इस बड़े जनादेश को स्वीकार करना होगा और उसे जेल से रिहा करना होगा।