हिसारः हरियाणा के कृषि विश्वविद्यालय में छात्रों पर हुए लाठीचार्ज के मामले ने तूल पकड़ ली है। विद्यार्थी लगातार इस मुद्दे पर संघर्ष कर रहे हैं और एचएयू के 4 नंबर गेट पर धरना दे रहे हैं। धरने पर विपक्षी दलों के नेता समर्थन देने पहुंच रहे हैं। इस मामले में 4 सुरक्षा कर्मियों बिजेंद्र, अनूप, जगमेश पूनिया और नरेंद्र को पहले ही निलंबित कर दिया गया था। वहीं अब असिस्टेंट प्रोफेसर राधेश्याम को निलंबित कर दिया गया है। इस दौरान उनका हेडक्वार्टर बावल एग्रीकल्चर कॉलेज में रहेगा। दूसरी ओर आज भारतीय किसान यूनियन छात्रों के समर्थन में आ गई है।
इसके अलावा कांग्रेस के राज्यसभा सांसद रणदीप सुरजेवाला ने भी छात्रों को अपना पार्टी की तरफ से समर्थन दिया। वहीं भाकियू नेता गुरनाम सिंह चढूनी और रवि आजाद भी छात्रों को समर्थन देने पहुंचे। यहां पहुंचकर भाकियू नेताओं ने छात्रों संग मिलकर नारेबाजी की और कुलपति बीआर कम्बोज का पुतला जलाया। धरना प्रदर्शन के 5 दिन बाद भी कुलपति ने पूरे मामले में अब तक चुप्पी साधी हुई है। वहीं कुलपति प्रोफेसर बीआर कम्बोज ने मामले में छात्रों से बातचीत के लिए 3 सदस्यीय कमेटी बनाई है।
इस कमेटी के चेयरमैन डायरेक्टर ऑफ रिसर्च डॉ. राजबीर गर्ग और डीन पोस्ट ग्रेजुएट स्टडीज व डीन एग्रीकल्चर डॉ. एस के पहुजा शामिल हैं। कमेटी ने कार्य शुरू कर दिया है। कमेटी के चेयरमैन ने बताया की छात्रों से बातचीत जारी है कुछ मुद्दों पर सहमति बनी है। उम्मीद है जल्दी ही सब कुछ नार्मल हो जाएगा। धरने पर छात्रों को संबोधित करते हुए भाकियू नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि सरकार को यह गलत फहमी निकाल देनी चाहिए कि यह आंदोलन 2 से 4 दिन ही चलेगा।
भाकियू पूरी तरह से छात्रों के साथ है और जब तक आंदोलन चलेगा पूरी टीम छात्रों के साथ रहेगी। चढूनी ने कहा कि सरकार के पास अभी मौका है कि वह छात्रों की मांग मान ले वरना आंदोलन लंबा और बड़ा हो गया तो यह सरकार से नहीं संभलेगा। रेल और सड़कें रोकने पड़े और सरकार को कोई बड़ा कदम उठाना पड़े उससे पहले ही छात्रों की मांग मान लेनी चाहिए क्योंकि छात्रों की मांग जायज है जिसे पूरा किया जा सकता है। जो भी लाठीचार्ज के दोषी हैं उन पर कार्रवाई होनी चाहिए।