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डोहकेश्वर धाम में 15 फरवरी को होगी मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा, राज्यपाल,सीएम,अनुराग करेंगे शिरकत

11 फरवरी को शोभायात्रा,12 को कलश यात्रा 13,14 को होगी पूजा अर्चना :देसराज मोदगिल

ऊना/सुशील पंडित:कुटलैहड़ विस क्षेत्र की सीमा पर स्थित गांव डोहक में 15 फरवरी को डोहकेश्वर धाम मैनेजमेंट ट्रस्ट में 36 मूर्तियों को प्राण प्रतिष्ठा होने जा रही है। इस कार्यक्रम में राज्य के महामहिम राज्य पाल शिव प्रताप शुक्ला,सीएम सुखविंद्र सिंह सुक्खू एवं केंद्रीय मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर के अलावा राज्य के कई बड़ी हस्तियां शिरकत करेंगी। मैनेजमेंट ट्रस्ट के संस्थापक देसराज मोदगिल ने जानकारी देते हुए बताया कि 15 फरवरी को होने जा रही प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम 11 फरवरी दिन रविवार से शुरू होने जा रहा है।

रविवार को डोहक मंदिर से प्रभु श्री राम जी की झांकी साथ में राधा कृष्ण बाबा बालक नाथ और भोलेनाथ की झांकी मंदिर से प्रस्थान करके वुधान लठीयानी, बड़सर शाहतलाई वाशेरटू से होते हुए मंदिर तक पहुंचेगी। इस शोभायात्रा में सैंकड़ों गाड़ियां एवम गायक साथ होंगे। वही 12 फरवरी को कलश यात्रा निकाली जाएगी। और 13 और 14 फरवरी को क्षेत्र के विद्वानों द्वारा पूजा पाठ एवम हवनयज्ञ होगा। और 15 फरवरी को सुबह 9 बजे राज्य के महामहिम राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला सीएम सुखविंद्र सिंह सुक्खू एवम केंद्रीय मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर शिरकत करके मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा एवं अवलोकन करेंगे।

देसराज मोदगिल ने बताया कि डोहकेश्वर ट्रस्ट में तीन दर्जन मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा पर भारत के 54 धार्मिक स्थलों एवं नेपाल से यानी 56 धार्मिक स्थलों से अक्षत, निमंत्रण दल लाकर करीब दस हजार परिवारों को निमंत्रण के तौर पर बांटे गए हैं। बताते चले कि उना हमीरपुर बिलासपुर को जोड़ने वाले डोहकेश्वर धाम मैनेजमेंट पहला ट्रस्ट बन ने जा रहा हैं। जो श्री अयोध्या में श्री राम मंदिर निर्माण एवं प्रभु श्री रामल्ला मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा पर कार्यक्रम किया गया था। ट्रस्ट को फाउंडर नंदलाल शर्मा जो भारत सरकार से सतलुज जल विद्युत परियोजना के सीएमडी पद से सेवानिवृत होकर वर्तमान में भारत सरकार के हरियाणा  राज्य के विद्युत न्यायिक आयोग के चेयरमैन है।

उन्होंने यह बीड़ा उठाया था। उनकी सोच थी कि पैतृक गांव डोहक के जो पौराणिक मंदिर हैं। उनका जीर्णोद्वार करके नई और बेहतर मूर्तियों की स्थापना करके उनमें प्राण प्रतिष्ठा करवा कर स्थापित की जाए। जिस से बाहरी राज्य के सैलानी जिस प्रकार माता चिंतपूर्णी नैनादेवी ज्वालाजी आकर आशीर्वाद प्राप्त करते है। उसी प्रकार डोहक गांव में भी मंदिर में आकर आशीर्वाद प्राप्त कर सकें। 

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