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30 लाख रुपए की वसूली को लेकर हमलावारों ने किया व्यक्ति का कत्ल

भिलाईः दुर्ग में ऑनलाइन सट्टा एप के रकम की वसूली के लिए सुपारी देकर मर्डर का मामला सामने आया है। मामला पुरानी भिलाई थाना क्षेत्र का है। यहां ऑनलाइन सट्टा एप चलाने वाले ओम प्रकाश साहू का पहले अपहरण किया गया। उसके बाद उसे इतना मारा गया कि उसकी मौत हो गई। मौत होने के बाद उसके शव को अखलोरडीह तालाब के पास फेंक दिए थे। पुलिस इस मामले में कुछ भी बताने से बच रही है। दुर्ग पुलिस ऑनलाइन सट्टा चलाने वाले माफिया को पकड़ने में नाकाम है। अब जिले में सट्टा के रकम की वसूली के लिए सुपारी देकर मर्डर होने लगे हैं। दुर्ग के पुरानी भिलाई थाने में कुछ ऐसा ही मामला दो दिन पहले हुआ है। यहां सट्टाखाईवाल ओम प्रकाश साहू (43 साल) निवासी ढौर जामुल की खून से लथपथ लाश मिली है। पुलिस विभाग के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक मामला सुपारी देकर मर्डर का है। इसलिए पुलिस तीन दिन से मामले को दबाकर रखी हुई है।

बताया जा रहा है कि ओम प्रकाश ऑनलाइन सट्टा में 30 लाख रुपए घाटे में चला गया था। उस रकम को वो सट्टा एप के संचालक को लौटा नहीं रहा था। इसके चलते फरीद नगर सुपेला निवासी सद्दाम नाम के आदतन बदमाश को विदेश से 10 लाख रुपए की सुपारी दी गई है। आरोप है कि सद्दाम ने 30 लाख रुपए की वसूली के लिए ओम प्रकाश को पहले किडनैप किया, उसके बाद उसे इतना मारा की उसकी मौत हो गई। फिर उसके शव को भिलाई तीन थाना क्षेत्र के अखलोरडीह तालाब के पास फेंक दिया। सूत्रों के मुताबिक पता चला है कि, ओम प्रकाश की हत्या करने के बाद उसके शव को जीआई तार से उसी की एक्टिवा में बांध दिया था। इसके बाद उसे तालाब के गहरे पानी में फेंक दिया था। अपहरण के मामले की जांच करते हुए पुलिस आरोपियों तक पहुंच गई। सख्ती से पूछताछ के दौरान एक आरोपी ने हत्या की बात को कबूल किया। इसके बाद उसकी निशानदेही पर शुक्रवार की रात शव को तालाब से बाहर निकालकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। शव बुरी तरह से सड़ गया था।

जानकारी के मुताबिक फरीद नगर निवासी सद्दा ऑनलाइन सट्टा के चलते जेल गया था। वहां हत्या का आरोपी रजनीश पांडेय और लूट का आरोपी आशीष तिवारी नंदिनी थाने से जेल गया था। तीनों आरोपी जेल में मिले। वहां उन्होंने ऑन लाइन सट्टा एप के रकम की वसूली का काम करने की योजना बनाई। बताया जा रहा है कि कहां किससे कितनी वसूली करनी है इसके निर्देश इन लोगों को सीधे दुबई से मिल रहे थे। ओम प्रकाश के मामले में भी इन लोगों को 30 लाख की वसूली के एवज में 10 लाख रुपए दिए जाने की बात कही गई थी। दुर्ग सेंट्रल जेल में लगभग हर बड़े अपराधी और आरोपी के पास मोबाइल फोन है। उनके द्वारा जेल के अंदर बैठे-बैठे कई तरह के गैर कानूनी कामों को संचालित किया जा रहा है।

दुर्ग के पूर्व एसपी डॉ. अभिषेक पल्लव की पीसी में इस बात का खुलासा भी हुआ था कि आरोपी जेल के अंदर बैठकर मोबाइल फोन से स्मैक और शराब जैसे मादक पदार्थों की तस्करी करते हैं। इतना ही नहीं मथुरा जैसे अपराधियों ने जेल के अंदर का एक वीडियो भी वायरल किया था। इसके बाद भी दुर्ग पुलिस ने जेल के अंदर अपराधियों तक मोबाइल की पहुंच को लेकर कोई कार्रवाई की गई है। इस पूरे मामले को पुलिस दो दिन से दबाने में लगी हुई है। लेकिन जैसे ही ओम प्रकाश की बॉडी मिली तो पूरा मामला सामने आ गया। पुलिस ने पूछताछ के लिए सेक्टर 9 के यादव परिवार के घर के सभी लोगों को उठा लिया था। इसके बाद पूछताछ करके देर रात छोड़ा। मामला इतना गंभीर है कि दुर्ग एसपी शलभ सिन्हा भी अभी कुछ भी नहीं बता रहे हैं। उन्होंने अपहरण कर हत्या की वारदात होने की बात को स्वीकार किया। लेकिन मामले की जानकारी देने से मना कर दिए हैं।

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