अधिवक्ता सुमित हर साल देते हैं चार बार खून
बददी/सचिन बैंसल: सुमित शर्मा जो बददी में एक अधिवक्ता है हर साल चार बार रक्तदान करते हैं वहीं अपने बेटे के जन्म दिन पर रक्तदान करने शिरडी पहुंचते हैं। अपना समस्त जीवन मानवता को समर्पित करने के लिए सुमित वर्तमान युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत है। वह हर साल की तरह 8 दिसंबर को अपने पुत्र समर्थ के जन्मदिन पर श्री साईं बाबा संस्थान शिरडी पहुंचते है और इस बार भी अपने जीवन का 60वाँ रक्तदान करने का अवसर मिला। उन्होने एक साल में 4 बार रक्तदान करने का लक्ष्य भी प्राप्त किया। उनका कहना है कि रक्तदान करना उनके लिए हमेशा एक सुखद अनुभव देता है, एवं मन व चित प्रफुल्लित हो जाता है।। क्तदान जीवनदान है। हमारे द्वारा किया गया रक्तदान कई जिंदगियों को बचाता है।
इस बात का अहसास हमें तब होता है जब हमारा कोई अपना खून के लिए जिंदगी और मौत के बीच जूझता है। उस वक्त हम नींद से जागते हैं और उसे बचाने के लिए खून के इंतजाम की जद्दोजहद करते हैं। आज के इस वैश्विक महामारी में रक्त की ज़रूरत कही ना कही किसी ना किसी को पड़ती ही रह सकती है। अनायास दुर्घटना या बीमारी का शिकार हममें से कोई भी हो सकता है। आज हम सभी शिक्षित व सभ्य समाज के नागरिक है, जो केवल अपनी नहीं बल्कि दूसरों की भलाई के लिए भी सोचते हैं तो क्यों नहीं हम रक्तदान के पुनीत कार्य में अपना सहयोग प्रदान करें और लोगों को जीवनदान दें। आज कल आपका दिया एक यूनिट रक्त एक साथ कई लोगों को अलग अलग रूप में दिया जा सकता है।