Advertisements
Ad 6
Advertisements
Ad 8
Advertisements
Ad 7

Mehar Chand Polytechnic के छात्रों ने 70 सालों में भारत ही नहीं विदेशों में भी संस्था का नाम किया रोशन

Mehar Chand Polytechnic के छात्रों ने 70 सालों में भारत ही नहीं विदेशों में भी संस्था का नाम किया रोशन Mehar Chand Polytechnic के छात्रों ने 70 सालों में भारत ही नहीं विदेशों में भी संस्था का नाम किया रोशन

जालंधर। शहर के मेहर चंद पॉलीटैक्निक कालेज की 1954 में हुई स्थापना के बाद 70 सालों में 36000 छात्र इंजीनियर बने हैं। मेहर चंद पॉलीटैक्निक के विद्यार्थी भारत ही नहीं विदेशों में भी अपने कौशल और अनुभव के साथ अपने मातृ संस्था का नाम रोशन कर रहे हैं। प्रिंसिपल डॉ. जगरूप सिंह ने बताया कि नवम्बर 2024 में कॉलेज में प्लैटिनम जुबली मनाई जा रही है, जिसमें 70 पुराने विद्यार्थियों को सम्मानित किया जा रहा है। इसी सिलसिले में कॉलेज की ओर से श्रृंखलाबद्ध तरीके से अपने एलुमनाई मैम्बर्स के साथ रूबरू करवाया जा रहा है।

केएल कपूर
1961 में मेहर चंद पॉलीटैक्निक से सिविल इंजीनियरिंग का डिप्लोमा किया और स्टेट मैरिट में स्थान प्राप्त किया। ए. एम. आई. ई. करने के बाद 1968 में सिंचाई विभाग में एस. डी. ओ. पद पर भर्ती हुए। 1982 में एक्शियन बने, 1988 में एस. ई. सर्विस के दौरान उनकी अनेक उपलब्धियां रहीं जिनमें आनंदपुर साहिब जल विद्युत परियोजना भी उनकी देख रेख में बनी।

कुलविन्दर बाघा
कुलविंदर ने 2014 में मेहर चंद पॉलीटैक्निक से सिविल इंजीनियरिंग का डिप्लोमा किया। कॉलेज में पढ़ते हुए ही उनका समाज सेवा के प्रति रुझान था। कई बार रक्तदान भी किया। डिप्लोमा के बाद बी. टैक. और एम. टैक. की। यूथ ब्लड डोनर संस्था बना कर कई रक्तदान कैम्प लगाए और सैंकड़ों लोगों की जान बचाई। जालंधर के बोलीना दोआबा गाँव के सबसे काम उम्र के सरपंच बने, स्किल सैंटर चलाया। पानी और वातावरण के संरक्षण के लिए काम किया। संत बलबीर सिंह सीचेवाल के साथ मिल कर गाँव में पानी के निकास के लिए काम किया। स्टेट और नैशनल अवॉर्ड हासिल किये। बेहतरीन सरपंच का भी पुरस्कार मिला।

पी.एल. शर्मा
पी. एल. शर्मा ने 1965 में मेहर चंद पॉलीटैक्निक से सिविल इंजीनियरिंग का डिप्लोमा किया और भारतीय डिफेंस एस्टेट सर्विसिज़ में भर्ती हुए, आर्मी में एस. डी. ओ. बने। रिटायरमेंट के बाद लवली ऑटोज़ में सफलतापूर्वक प्रबन्धक के रूप में 20 साल सेवायें दी। मेहर चंद पॉलीटैक्निक को हमेशा अपनी कर्मभूमि मानते हैं और उसके लिए सेवाएं देने को तत्पर रहते हैं।

स. एम.पी. सिंह
स. एम.पी. सिंह ने 1985 में मेहर चंद पॉलीटैक्निक से इलेक्ट्रॉनिक्स का डिप्लोमा किया और गोल्ड मैडल हासिल किया। वे तकनीकी शिक्षा में लेक्चरर के रूप में भर्ती हुए तथा अपनी काबिलियत, ईमानदारी, लगन और मेहनत से प्रिंसिपल के पद तक पहुंचे। उनहोंने 15 साल सतगुरु राम सिंह सरकारी पॉलीटैक्निक लुधियाना में बतौर प्रिंसिपल काम किया। विद्यार्थियों के बीच हमेशा लोकप्रिय रहे और स्टाफ़ के लिए रोल मॉडल। मेहर चंद पॉलीटैक्निक पर उन्हें गर्व है।

Disclaimer: All news on Encounter India are computer generated and provided by third party sources, so read carefully and Encounter India will not be responsible for any issue.


Encounter India 24 Years Celebration
Add a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page