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अब नहीं लगेंगे स्मार्ट बिजली मीटर, जाने मामला 

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चंडीगढ़ः यूटी में स्मार्ट ग्रिड प्रोजेक्ट के तहत 28 करोड़ रुपये खर्च कर शहर के कई इलाकों में पायलट प्रोजेक्ट चलाया गया। कई सेक्टरों और गांवों में बिजली के स्मार्ट मीटर लगाए गए। इसके बाद 241 करोड़ रुपये से पूरे शहर में स्मार्ट मीटर लगाने की योजना थी लेकिन केंद्र सरकार ने इस पर रोक लगा दी है।

केंद्र के फैसले पर कोई भी अधिकारी बोलने को नहीं तैयार 

पायलट प्रोजेक्ट को पूरा करने के बाद यूटी प्रशासन ने पूरे शहर में बिजली के स्मार्ट मीटर लगाने के लिए प्रशासन ने केंद्र सरकार को फाइल भेजी थी। इसके जवाब में प्रशासन को कहा गया कि इस योजना पर आगे काम न किया जाए। बिजली विभाग के सुपरिंटेंडेंट इंजीनियर अनिल धमीजा ने बताया कि एक बैठक में स्मार्ट ग्रिड प्रोजेक्ट को ड्राप करने की जानकारी दी गई है। केंद्र ने ऐसा क्यों किया, इस पर कोई भी अधिकारी बोलने को तैयार नहीं है। हालांकि बताया जा रहा है कि चंडीगढ़ बिजली विभाग के निजीकरण की प्रक्रिया अंतिम चरण में है इसलिए केंद्र सरकार व प्रशासन नहीं चाहते कि 241 करोड़ रुपये खर्च किए जाएं। 

2021 को प्रशासन ने खोली थी वित्तीय बोली 

ज्वाइंट इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन (जेईआरसी) को भी इस संबंध में जानकारी दे दी गई है। बता दें कि 175 करोड़ के चंडीगढ़ बिजली विभाग को खरीदने के लिए एमीनेंट इलेक्ट्रिसिटी डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड ने लगभग 870 करोड़ की बोली लगाई थी, जिसे जनवरी 2022 को केंद्रीय कैबिनेट की ओर से आखिरी मंजूरी दे दी गई थी। यूटी प्रशासन पिछले साढ़े तीन साल से बिजली विभाग को निजी हाथों में देने का प्रयास कर रहा था। चार अगस्त 2021 को प्रशासन ने वित्तीय बोली खोली थी।

जाने कहां लगाए गए बिजली के स्मार्ट मीटर

पायलट प्रोजेक्ट के तहत सब डिवीजन नंबर-5 के अंदर स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं। इस डिवीजन के अंदर जो सेक्टर और गांवों आते हैं, उनमें इंडस्ट्रियल एरिया फेज-1, 2, सेक्टर-29, 31, 47, 48, रामदरबार, गांव फैदां, हल्लोमाजरा, बहलाना, रायपुर कलां, मखनमाजरा और दड़वा आदि गांव शामिल हैं। इसे एडवांस्ड मीटरिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर नाम दिया गया है।

स्मार्ट ग्रिड प्रोजेक्ट के तहत सेक्टर-18 में स्काडा बनाया सेंटर 

इस पायलट प्रोजेक्ट का कंट्रोल बिजली विभाग में सुपरवाइजरी कंट्रोल एंड डाटा एक्यूजेशन (स्काडा) से किया जा रहा है। चंडीगढ़ प्रशासन ने स्मार्ट ग्रिड प्रोजेक्ट के तहत सेक्टर-18 में स्काडा सेंटर बनाया है। स्काडा के कंट्रोल रूम में बैठा कर्मचारी किसी भी कंज्यूमर की कंजप्शन ज्यादा होने पर बिजली कट लगा देगा। साथ ही उसे मैसेज भी देगा। वहीं इसमें लाइन टूटने या फॉल्ट का भी पता लगता रहेगा। इसमें एरिया के उपभोक्ता की बिजली चली जाने पर दूसरे सब स्टेशन से स्काडा के कंप्यूटराइज्ड सिस्टम से ऑटोमेटिक जोड़ी जाएगी।

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