नई दिल्ली: हथिनी बैराज से पानी छोड़ने के बाद यमुना नदी पूरे उफान पर है, जिसके चलते देश की राजधानी दिल्ली में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। दिल्ली की निचली बस्तियों में ही नहीं लाल किला तक बाढ़ का पानी पहुंच चुका है। हालाकि खबरें आ रही है कि जलस्तर धीरे-धीरे कम हो रहा है। शुक्रवार को सुबह 7 बजे दिल्ली रेलवे ब्रिज पर जल स्तर मामूली कम हो कर 208.44 मीटर पर आ गया था। संभावनाएं जताई जा रही हैं कि दोपहर 1 बजे तक पानी का स्तर घटकर 208.3 पर आ जाएगा। हालांकि, यह खतरे के निशान से अब भी ऊपर ही चल रहा है।
वहीं, हालात को देखते हुए दिल्ली नगर निगम (MCD) ने परामर्श जारी कर लोगों से अंतिम संस्कार के लिए निगमबोध घाट पर नहीं जाने का आह्वान किया है। गीता कॉलोनी में भी श्मशान घाट को यमुना के बढ़ते जलस्तर के कारण बंद कर दिया गया है। निगम ने लोगों को अपने प्रियजनों के शवों को अंतिम संस्कार के लिए पचकुइंया रोड, पंजाबी बाग, ग्रीन पार्क, दक्षिणपुरी और अपने आसपास के शवदाहगृहों में ले जाने की सलाह दी है। साथ ही सभी स्कूल—कॉलेजों को बंद करने का आदेश दिया है।
साथ ही उत्तर रेलवे ने करीब 600 मेल/एक्सप्रेस ट्रेनों को अगले 6 दिनों के लिए रद्द कर दिया गया है। यात्रियों को एसएमएस, विज्ञापनों और अन्य माध्यमों के जरिए जानकारी दी जाएगी। उन्हें एडवांस में ही अपनी यात्रा प्लान करने की सलाह दी गई है। साथ ही किसी भी तरह की समस्या होने पर हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करने के लिए कहा गया है।’ यमुना नदी के उफान पर आने के साथ ही लाल किला, कश्मीरी गेट, सिविल लाइन्स, राजघाट और आईटीओ समेत कई इलाके डूब गए थे। इधर, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने शुक्रवार को 17वीं सदी के स्मारक लाल किले को विजिटर्स के लिए बंद करने का फैसला किया है। खास बात है कि इससे पहले साल 1978 में यमुना का जलस्तर रिकॉर्ड 207.49 मीटर पर पहुंचा था।
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