धर्मः पैरों में काला धागा बांधने का ट्रेंड काफी तेजी से बढ़ रहा है। अकसर आपने लड़कियों और महिलाओं के पैरों में काला धागा बंधा हुआ देखा होगा। लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि इसके पीछे क्या कारण है। दरअसल, काला धागा सिर्फ सजावटी वस्तु नहीं है, बल्कि इसका संबंध ऊर्जा संतुलन, नकारात्मक शक्तियों से सुरक्षा और बुरी नजर से बचाव से है। प्राचीन समय से यह माना जाता रहा है कि काला धागा नकारात्मक सोच, नज़र दोष और अदृश्य शक्तियों से रक्षा करता है।
ज्योतिषी एवं वास्तु शास्त्री के अनुसार अगर कोई महिला पैरों में काला धागा बांधना चाहती हैं, तो इसके लिए बायां पैर उपयुक्त माना गया है। काला धागा बांधने से सकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव अधिक होता है। काला धागा बांधने के लिए शनिवार का दिन सबसे शुभ माना जाता है। इस दिन सुबह स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें। फिर किसी शनि मंदिर जाएं, वहां तेल अर्पित करें और शनि देव से अपने मन की बात कहें। इसके बाद साफ-सुथरा काला धागा, जिसमें कोई गांठ न हो, अपने बाएं पैर में बांध लें।
कुछ लोग इसे सीधे ही पैरों में बांध लेते हैं, लेकिन अगर आप पहले उसे पूजा स्थल पर थोड़ी देर के लिए रखकर, मन में ध्यान करते हुए बांधें, तो उसका प्रभाव और अधिक बढ़ जाता है। पैरों में काला धागा टखने से थोड़ा ऊपर या नीचे बांधना चाहिए। यह न तो बहुत कसा हुआ हो और न ही बहुत ढीला। हालांकि इसे हाथ की कलाई या बाजू में भी बांधा जा सकता है। लेकिन पैरों में बांधना अधिक प्रभावशाली माना गया है।
क्या है फायदे
– बार-बार बीमार पड़ने पर यह शरीर की ऊर्जा को संतुलित करता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है।
– विवाह में बार-बार अड़चनें आ रही हों, तो शनिवार के दिन यह उपाय करने से सकारात्मक बदलाव आता है।
– नौकरी या व्यापार में नुकसान या मेहनत का फल न मिलने पर यह उपाय राहत दिला सकता है।
– अगर कुंडली में शनि, राहु या केतु की स्थिति अशुभ हो, तो काला धागा पहनना लाभकारी होता है।
– घर में मानसिक अशांति या पारिवारिक झगड़े हो रहे हों, तो यह उपाय वातावरण को शांत करता है।