नई दिल्ली : केंद्र सरकार की तरफ से महंगाई भत्ता बढ़ाए जाने के बाद कई राज्य सरकारों ने भी अपने कर्मचारियों को खुशखबरी दी है। लेकिन पिछले दिनों पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य सरकार के कर्मचारियों का महंगाई भत्ता बढ़ाने से साफ इंकार कर दिया था। इसके बाद कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए विरोध-प्रदर्शन शुरू कर दिया और विरोध के 100 दिन पूरे होने पर सरकारी कर्मचारियों के ज्वाइंट फोरम ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के आवास के पास एक विशाल रैली की।कर्मचारियों ने इस दौरान कोलकाता की सड़कों पर प्रदर्शन भी किया।
बता दें कलकत्ता हाई कोर्ट ने राज्य कर्मचारियों को मार्च निकालने की अनुमति दी थी। राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे कर्मचारी बैनर लेकर सड़कों पर उतर आए। इस दौरान उन्होंने संविदा कर्मचारियों को स्थायी करने और महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी की मांग की। आपको बता दें पश्चिम बंगाल में सरकारी कर्मचारी लंबे समय से डीए हाइक की मांग कर रहे हैं।
विरोध करने वाले कर्मचारियों का कहना है कि राज्य सरकार की तरफ से दिया जा रहा डीए केंद्रीय कर्मचारियों के मुकाबले काफी कम है। उनकी मांग है कि राज्य सरकार के कर्मचारियों को केंद्रीय कर्मचारियों के बराबर 42 प्रतिशत महंगाई भत्ता मिलना चाहिए। राज्य में विपक्षी दल प्रदर्शनकारी कर्मचारियों के साथ खड़े नजर आ रहे हैं।
ममता बनर्जी ने कहा था कि केंद्रीय कर्मचारियों का वेतन राज्य सरकार के अंतर्गत काम करने वाले कर्मचारियों से अलग होता है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के कर्मचारियों को अलग-अलग मौकों पर छुट्टी मिलती है। बनर्जी ने यह भी कहा कि वेस्ट बंगाल एक ऐसा राज्य है जो अभी भी पेंशन देता है। इस पर सरकार का 20,000 करोड़ का खर्च आता है।