अहमदाबादः लोकसभा चुनाव से पहले गुजरात में बीजेपी को झटका लगा है। वडोदरा लोकसभा सीट से प्रत्याशी रंजन भट्ट ने आज सुबह सोशल मीडिया के माध्यम से चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान किया। इससे गुजरात की राजनीति में हलचल मच गई। रंजन भट्ट ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि लोकसभा चुनाव के लिए उम्मीदवार के नाम की घोषणा के बाद लगातार कई गंभीर आरोप लगाए जा रहे थे, जिससे उनका मन व्यथित था। रंजन भट्ट ने कहा कि आरोप लगाया जा रहा था कि मेरे बेटे का ऑस्ट्रेलिया में एक मॉल है, लेकिन उसके पास टपरी तक नहीं है। ऐसे गंभीर आरोपों से परेशान होकर मैंने निजी कारणों से चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है।
हालांकि, रंजन भट्ट ने ये भी कहा कि वे पीएम मोदी की शुक्रगुजार हैं कि उन्हें 10 साल सांसद रहने का मौका मिला और तीसरी बार भी पार्टी ने उन्हें टिकट दिया। रंजन भट्ट ने ये भी आश्वासन दिया कि वड़ोदरा से जो भी उम्मीदवार होगा, उसको जिताने के लिए वो जी जान लगा देगी। अभी रंजन भट्ट के चुनाव न लड़ने को लेकर चर्चा चल ही रही थी कि कुछ ही मिनटों में ही बीजेपी के एक और उम्मीदवार साबरकांठा से भीखाजी ठाकोर ने भी सोशल मीडिया के जरिये लोकसभा चुनाव लड़ने से मना कर दिया। खास बात है कि साबरकांठा सीट से भीखा जी दुधाजी ठाकोर के सरनेम को लेकर विवाद खड़ा हो गया था।
इस मामले में एक नागरिक ने चुनाव आयोग को खत लिखकर स्पष्टता करने को भी कहा था कि भीखाजी डामोर है या ठाकोर हैं, ये बताया जाय, ताकि साबरकांठा की जनता को पता चल सके कि उनका उम्मीदवार ओबीसी है या SC केटेगरी का। बहरहाल, एक ही दिन में दो उम्मीदवारों के चुनाव न लड़ने के फैसले से बीजेपी में हड़कंप मच गया है।
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