एक घंटे जिंदगी और मौत से लड़ते व्यक्ति ने तोड़ा दम
शाजापुरः बेरछा रेलवे स्टेशन के पास एक सड़क हादसे में घायल हुए शख्स की डॉक्टरों की लापरवाही से मौत हो गई। दरअसल, घायल को बेरछा स्टेशन पर प्राथमिक उपचार देने के बाद जिला अस्पताल रेफर किया गया था। जहां मलहम-पट्टी आदि करने के बाद सर्जिकल वार्ड में शिफ्ट किया गया। लेकिन गंभीर हालत होने पर तड़पते हुए घायल को खाली सिलेंडर से ऑक्सीजन लगा दिया। यही नहीं, अस्पताल का स्टाफ पल्स ऑक्सीमीटर और इंजेक्शन ढूंढता रहा, लेकिन नहीं मिले। करीब एक घंटे तक तड़पने के बाद अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही से घायल ने दम तोड़ दिया। अस्पताल के एक कर्मचारी के कहने पर वार्ड में मौजूद कुछ लोग एक ऑक्सीजन सिलेंडर घायल के बेड तक लेकर आए, जो खराब स्थिति में था। सिलेंडर में ऑक्सीजन नहीं थी। इधर, घायल की स्थिति बिगड़ती जा रही थी। फिर ड्यूटी डॉक्टर ने अस्पताल के वरिष्ठ डॉक्टर नवीन झाला को बुलवाया। डॉक्टर झाला करीब आधा घंटे देरी से घायल के पास पहुंचे। तब तक घायल राधेश्याम की मौत हो चुकी थी।
मृतक का नाम राधेश्याम गुप्ता (उम्र 40 साल) निवासी छतरपुर बताया जा रहा है। राधेश्याम गुप्ता उज्जैन से महाकाल दर्शन कर घर लौट रहे थे। वे उज्जैन से सुबह करीब 11 बजे भोपाल जाने के लिए बैठे थे। उन्हें छतरपुर जाना था। इसी बीच, दोपहर करीब एक बजे बेरछा स्टेशन पर राधेश्याम पानी भरने के लिए उतरे। ट्रेन चलने लगी तो डिब्बे में चढ़ने के दौरान पैर फिसल गया और वह चलती ट्रेन से नीचे गिर गए। स्टेशन पर प्राथमिक उपचार के बाद एम्बुलेंस से घायल राधेश्याम को बेरछा से जिला अस्पताल लाया गया।
मृतक का नाम राधेश्याम गुप्ता (उम्र 40 साल) निवासी छतरपुर बताया जा रहा है। राधेश्याम गुप्ता उज्जैन से महाकाल दर्शन कर घर लौट रहे थे। वे उज्जैन से सुबह करीब 11 बजे भोपाल जाने के लिए बैठे थे। उन्हें छतरपुर जाना था। इसी बीच, दोपहर करीब एक बजे बेरछा स्टेशन पर राधेश्याम पानी भरने के लिए उतरे। ट्रेन चलने लगी तो डिब्बे में चढ़ने के दौरान पैर फिसल गया और वह चलती ट्रेन से नीचे गिर गए। स्टेशन पर प्राथमिक उपचार के बाद एम्बुलेंस से घायल राधेश्याम को बेरछा से जिला अस्पताल लाया गया।