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देखते-ही-देखते चलती स्कूटी सहित सड़क में समाया बुजुर्ग

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अचानक धंसा हाईवे, 5 फीट गहरा गड्‌ढा

जोधपुर: सड़क में अचानक 5 फीट गहरा गड्‌ढा बन गया, जिसमें चलती स्कूटी समा गई। उस पर सवार बुजुर्ग को लोगों ने बमुश्किल बचाया। मामला जोधपुर का है। शनिवार दोपहर वीर दुर्गादास ओवरब्रिज पर यह हादसा हुआ है। लोगों ने बताया कि झालामंड वायु विहार के रहने वाले भोपाल सिंह मेडु (65) स्कूटी लेकर भगत की कोठी से वीर दुर्गादास ब्रिज की तरफ जा रहे थे। उनके आगे एक ट्रक चल रहा था। भगत की कोठी रेलवे स्टेशन पहुंचने के दौरान अचानक सड़क धंस गई। स्कूटी का पिछला हिस्सा पहले गड्‌ढे में गया, फिर पूरी स्कूटी ही बुजुर्ग समेत गड्‌ढे में समा गई। वहां से गुजर रहे लोगों ने अपने वाहन रोके। कुछ लोगों ने भोपाल सिंह को हाथ पकड़कर गड्‌ढे से निकाला। बुजुर्ग के कंधे में फ्रैक्चर आया है। उन्हें हॉस्पिटल भिजवाया गया। हालात ये था कि गड्‌ढे से बाहर स्कूटी का सिर्फ साइड मिरर ही नजर आ रहा था। भगत कोठी रोड पर आए दिन हादसे होते हैं। यहां से गुजर रही सीवर लाइन धंसने के कारण यह हादसा हुआ। हादसे की सूचना मिलने के बाद भगत की कोठी थाना पुलिस मौके पर पहुंची और ट्रैफिक डायवर्ट करवाया। न्यू कैंपस से भगत की कोठी स्टेशन की तरफ जाने वाले रास्ते को फिलहाल बंद कर दिया गया है। इसके चलते यहां वाहनों का जाम लग गया। राष्ट्रीय राजमार्ग होने के कारण इस रोड पर तेज रफ्तार में वाहन चलते हैं। यहां पहले भी कई बार सड़क के बीच में से निकल रही सीवरेज लाइन धंसने की खबर आती रही है। सड़क धंसने के कारण जाम लगने की नौबत भी आती रही है। हादसे के वक्त अगर पीछे से कोई वाहन तेज गति से आ रहा होता तो बुजुर्ग का बचना मुश्किल था। गनीमत रही कि पीछे से कोई गाड़ी नहीं आ रही थी।

हादसे के वक्त अगर पीछे से कोई वाहन तेज गति से आ रहा होता तो बुजुर्ग का बचना मुश्किल था। गनीमत रही कि पीछे से कोई गाड़ी नहीं आ रही थी।
हादसे की वजह सीवर लाइन, 2 साल में 6 बार धंसी पाली रोड पर पीली टंकी से लेकर झालामंड चौराहे तक की सड़क के नीचे 22 फीट की गहराई पर लगी 600 एमएम की ट्रंक सीवर लाइन दो वर्ष से समस्या का कारण बनी हुई है। यह ट्रंक लाइन दो वर्ष में कम से कम छह बार अलग-अलग स्थान पर धंस चुकी है। दो साल पहले पीली टंकी से लेकर भगत की कोठी रेलवे स्टेशन के बीच में यह धंसी थी। तब डेढ़ माह तक एक तरफ की सड़क को बंद कर निगम ने नई लाइन बिछाकर स्थायी समाधान करने का दावा किया था। तब 110 मीटर की लम्बाई में 45 लाख की लागत से नई ट्रंक लाइन बिछाई गई थी।

इसके बाद अमृता देवी सर्किल से पहले यह धंस गई थी। उस समय सीवरेज का पानी लोगों के घरों तक पहुंच गया था। कई दिन तक लोग परेशान होते रहे। तब एक बार फिर निगम ने स्थायी समाधान का दावा कर मरम्मत की थी। दो माह पूर्व झालामंड चौराहे के समीप यह ट्रंक लाइन धंस गई थी। इसके बाद तेजा हॉस्टल के समीप यही लाइन धंस गई। तब फिर स्थायी समाधान का दावा किया गया था। अब भगत की कोठी रेलवे स्टेशन के बाहर यह लाइन धंस गई। निगम के इंजीनियर इस ट्रंक लाइन के बार-बार धंसने का न तो ठोस कारण तलाश कर पाए और न ही इस लाइन की पुख्ता मरम्मत कर सकें। ऐसे में पीली टंकी से लेकर झालामंड चौराहे तक इस सड़क के एक तरफ इतने ज्यादा अप-डाउन है कि कई हादसे भी हो चुके हैं।

हादसे के बाद मौके पर पुलिस भी पहुंची। इसके बाद बैरिकेड्स लगाकर सड़क के इस हिस्से को ब्लॉक कर दिया गया। जेसीबी बुलाकर अब इसे ठीक कराने का काम किया जा रहा है।

इस सड़क के बार-बार धंसने के बाद इसकी मरम्मत को लेकर भी निगम व पीडब्ल्यूडी के बीच विवाद होता आया है। निगम का कहना है कि यह सड़क नेशनल हाईवे का हिस्सा है। इसकी मरम्मत की जिम्मेदारी पीडब्ल्यूडी की है। पीडब्ल्यूडी का कहना है कि खराबी सड़क में नहीं है। खराबी ट्रंक लाइन में है। वह बार-बार अलग-अलग जगह धंस जाती है। इस कारण सड़क का लेवल गड़बड़ा जाता है और झोल पड़ जाता है। ट्रंक लाइन के ऊपर की ही सड़क खराब हो रही है। जबकि डिवाइडर के दूसरी तरफ की सड़क एकदम सही है।

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